चक्रवात मोंथा के कारण दिनभर रुक रुककर बारिश होती रही। इससे जनजीवन अस्त व्यस्त रहा।
संवाद सहयोगी, चाईबासा। बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात मोंथा का प्रभाव पश्चिमी सिंहभूम जिले में बुधवार को भी दिखा। सुबह से ही आसमान में घने बादल छाए रहे और दिनभर रुक-रुककर बारिश होती रही। कृषि विभाग के अनुसार जिले में 11.6 एमएम वर्षा दर्ज की गई है। लगातार हो रही वर्षा से अधिकतम तापमान में करीब 5 डिग्री और न्यूनतम तापमान में 4 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई, जिससे मौसम में अचानक ठंडक बढ़ गई और जनजीवन प्रभावित हुआ। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ओडिशा सीमा से सटे इलाकों में अधिक असर :
चक्रवात का सबसे अधिक असर ओडिशा सीमा से सटे मझगांव, नोवामुंडी, जगन्नाथपुर समेत कई इलाकों में देखने को मिला, जहां लोगों को पूरे दिन बारिश के चलते मुश्किलों का सामना करना पड़ा। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक 31 अक्टूबर तक मौसम का यही मिजाज बने रहने की संभावना है। खेतों में लगे धान के पौधे हो सकते हैं खराब : इस बीच, किसानों की चिंता बढ़ गई है। जिला कृषि पदाधिकारी डा. अमरजीत कुजूर ने बताया कि इस समय खेतों में धान पककर लगभग तैयार है और किसान कटाई की तैयारी में थे। ऐसे में लगातार बारिश से फसल को नुकसान पहुंचने की आशंका है। उन्होंने किसानों से अपील की है कि खेतों में रुका पानी तुरंत निकालें, ताकि गिरे हुए धान को सड़ने से बचाया जा सके। किसानों से सावधानी बरतने की अपील : कुजूर ने यह भी सलाह दी कि खलिहान में रखे धान को प्लास्टिक शीट से ढंककर सुरक्षित रखें, जिससे नमी अंदर न समा सके और अनाज की गुणवत्ता बनी रहे। विभाग ने किसानों से मौसम पर लगातार नजर बनाए रखने और सावधानी बरतने की अपील की है। |
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