Rama Ekadashi 2025: रमा एकादशी के उपाय।  
 
  
 
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष में आने वाली रमा एकादशी का विशेष महत्व है। यह तिथि धन और समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु को समर्पित है। यह एकादशी दीपावली से ठीक पहले आती है, इसलिए इस दिन की गई पूजा और रात में किए गए कुछ उपाय व्यक्ति की किस्मत बदल सकते हैं। साथ ही घर में धन आगमन के रास्ते खोलते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
इस साल रमा एकादशी का व्रत आज यानी 17 अक्टूबर को रखा जा रहा है, तो आइए इस शुभ तिथि (Rama Ekadashi 2025) से जुड़े कुछ उपाय के बारे में जानते हैं, जो इस प्रकार हैं -  
रमा एकादशी पर करें ये उपाय (Rama Ekadashi 2025 Remedies)  
 
    
श्री सूक्त का पाठ  
 
रमा एकादशी की रात स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ-सुथरे कपड़े पहनें। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की एक साथ पूजा करें। 
शुद्ध देसी घी का चौमुखी दीपक जलाएं। दीपक जलाने के बाद धन की देवी माता लक्ष्मी को समर्पित \“श्री सूक्त\“ स्तोत्र का पाठ करें। ऐसा माना जाता है कि श्री सूक्त के पाठ से मां लक्ष्मी जल्द खुश होती हैं। साथ ही घर में स्थायी रूप से वास करती हैं।  
तुलसी के पास जलाएं दीपक  
 
कार्तिक महीने में तुलसी पूजा का बहुत महत्व है। ऐसे में रमा एकादशी की रात तुलसी के पौधे के नीचे एक घी का दीपक जरूर जलाएं। दीपक को पूरी रात जलता रहने दें। इसके बाद हाथ जोड़कर तुलसी माता से धन, सुख और सौभाग्य की कामना करें। तुलसी को विष्णु प्रिया कहा जाता है। इसलिए उनकी पूजा से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी दोनों की कृपा प्राप्त होती है।  
पीपल के पेड़ की पूजा  
 
इस शुभ अवसर पर पीपल के वृक्ष के नीचे एक घी का दीपक जलाएं। पीपल की परिक्रमा करते हुए \“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय\“ मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से आर्थिक संकट दूर होता है। साथ ही कर्ज से मुक्ति मिलती है।  
पीले रंग की चीजों का दान  
 
भगवान विष्णु को पीले रंग चीजें बहुत प्रिय हैं। ऐसे में एकादशी की रात पूजा करने के बाद केला, हल्दी, बेसन के लड्डू और पीले वस्त्रों का दान करें। ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और ज्ञान की वृद्धि होती है।  
 
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है। |