जागरण संवाददाता, उरई। अपने ममेरे साले का अपहरण करके धारदार हथियार से आठ टुकड़े कर हत्या करने वाले दोषी को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। सिर, हाथ, पैर काट कर प्लास्टिक और जूट की बोरियों में भर कर शव शहर के शांतिनगर मुहल्ले में रेलवे ट्रैक के पास आरोपित ने फेंक दिया था। कोर्ट ने दोषी पर एक लाख 15 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
शासकीय अधिवक्ता ब्रजराज सिंह राजपूत ने बताया कि उरई कोतवाली क्षेत्र के मुहल्ला बघौरा निवासी चतुर्भुज प्रशांत महोबा जनपद में बिजली विभाग से एक्सइएन के पद से 2009 में सेवानिवृत्त हुए थे। बताया कि उनके पुत्र कमलेश को 26 मई 2009 की शाम शहर के मुहल्ला शिवपुरी निवासी ममेरे बहनोई शोभराज उर्फ नीलू उर्फ अभय जाटव ने गाड़ी खराब होने के बहाना करके बुलाया था। 27 मई 2009 को फोन किया कि उनके बेटे कमलेश का अपहरण कर लिया है, छुड़ाना हो तो 15 लाख रुपये का इंतजाम करो।  
उरई कोतवाली को दी थी सूचना  
 
इस पर उन्होंने उरई कोतवाली को इस अपहरण के मामले की सूचना दी। जब इसकी जानकारी आरोपित को हुई तो उसने अपने तीन साथियों के साथ मिल कर अपने घर में बने तहखाने में कमलेश की धारदार हथियार से आठ टुकड़ों में काट कर हत्या कर दी। शव के टुकड़ों को अलग-अलग प्लास्टिक व जूट की बोरियों में सिलाई करके शांति नगर मुहल्ले में रेलवे ट्रैक के किनारे फेंक दिया था। 30 मई को पुलिस ने महर्षि विद्या मंदिर इंटरकालेज के पास खेतों से शव बरामद कर लिया था। शव अलग-अलग बोरियों में कुछ दूरी पर फेंका गया था।  
 
पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोपित शोभराज को एक जून 2009 को गिरफ्तार कर लिया था। हत्या में प्रयुक्त हथियार भी बरामद किया था। 16 जून 2009 को पुलिस ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। इस मामले में कुल चार आरोपित थे जिनमें तीन नाबालिग थे, जिनका मामला किशोर न्याय बोर्ड में चल रहा है।  
 
2014 में वादी (दिवंगत के पिता) चतुर्भुज प्रशांत की मौत के बाद उनके दूसरे छोटे पुत्र वीपी राहुल इस मुकदमे के वादी थे। 16 साल तक चले मुकदमा के ट्रायल के बाद गुरुवार को अधिवक्ताओं के द्वारा पेश किए गए साक्ष्यों के आधार पर विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट सुरेश चंद्र गुप्ता ने दोषी शोभराज उर्फ नीलू उर्फ अभय जाटव को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए एक लाख 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। |