जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। नगर निगम द्वारा हाउस टैक्स बढ़ोतरी रकने के मामले में सोमवार को होई कोर्ट में सुनवाई हुई। नगर निगम की ओर से उपस्थित अधिवक्ता ने एक शपथ पत्र दाखिल करने के लिए कोर्ट से कुछ दिन का समय मांगा। कोर्ट ने समय देने से इन्कार करते हुए मंगलवार तक शपथ पत्र दाखिल करने को कहा। अब मंगलवार को फिर से सुनवाई होगी। कोर्ट मंगलवार को हाउस टैक्स बढ़ोतरी पर अहम फैसला सुना सकता है। वहीं सोमवार को हाईकोर्ट की सुनवाई पर शहर के छह लाख करदाताओं की नजर बनी रही।  
 
नगर निगम द्वारा पहले हाउस टैक्स की दर में 10 प्रतिशत के हिसाब से वृद्धि की जाती थी लेकिन अब डीएम सर्किल रेट को आधार मानकर हाउस टैक्स की दर में वृद्धि की गई है। इससे हाउस टैक्स की दरों में चार गुना तक वृद्धि हो गई है, लोगों की जेब पर भार बढ़ा है। इसलिए लोग हाउस टैक्स की बढ़ी हुई दर का विरोध कर रहे हैं। खुद महापौर का दावा है कि सदन में बैठक बुलाकर हाउस टैक्स की दर में वृद्धि के प्रस्ताव को खारिज किया जा चुका है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
इसके बावजूद अब तक हाउस टैक्स की दर कम नहीं की गई है। लोगों को बढ़ी हुई दर के हिसाब से ही हाउस टैक्स जमा करना पड़ रहा है। इसके विरोध में शहर हाउस टैक्स की बढ़ी हुई दर के विरोध में पोस्टर और पर्चे लगाए गए हैं। लोग आए दिन धरना प्रदर्शन कर चुके हैं।  
 
लोग हाउस टैक्स की दर में वृद्धि को नगर निगम की तानाशाही करार दे रहे हैं। इस मामले को पूर्व पार्षद राजेंद्र त्यागी और हिमांशु मित्तल ने हाई कोर्ट में याचिका भी दाखिल की है। सोमवार को हाई कोर्ट में इस मामले में सुनवाई हुई।  
 
हिमांशु मित्तल ने बताया कि वह कोर्ट में मौजूद रहे। हाई कोर्ट में एक घंटे तक बहस हुई। नगर निगम के अधिवक्ता के द्वारा कोर्ट में कहा गया कि वह शपथ पत्र दाखिल करना चाहते हैं। उन्हें इसके लिए कुछ समय दिया जाए। कोर्ट ने कहा की आपको जो भी दाखिल करना है वह मंगलवार कर दीजिए। मंगलवार को फिर से सुनवाई होगी। माना जा रहा है कि मंगलवार को कोर्ट हाउस टैक्स पर अहम आदेश दे सकता है। मंगलवार को भी शहर के छह लोग करदाताओं की नजर इस सुनवाई पर बनी रहेगी। |   
                
                                                    
                                                                
        
 
    
                                     
 
 
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