कंपकपी और बेचैनी हुई... आगरा के 18 वर्षीय राष्ट्रीय एथलीट की असामयिक मौत, आप भी इन लक्षणों को ना करें नजरअंदाज  
 
  
 
जागरण संवाददाता, आगरा। अछनेरा के नागर गांव निवासी 18 वर्षीय राष्ट्रीय एथलीट रिंकू गोला की रविवार सुबह हार्ट अटैक से असामयिक मृत्यु हो गई। रिंकू भरतपुर में रहकर आगामी राष्ट्रीय और प्रदेशीय प्रतियोगिताओं की तैयारी कर रहे थे। उनके चाचा बाबी गोला के पास रिंकू के रूम पार्टनर का रविवार सुबह करीब 6:30 बजे फोन आया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
बताया रिंकू को कंपकपी और बेचैनी हुई, साथी उन्हें तुरंत अस्पताल ले गए, लेकिन डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। रिंकू ने दीपावली पर घर आने की बात कही थी, दीपावली से पहले ही चिराग बुझ गया और खुशियां शोक में बदल गईं।  
 
रिंकू एक होनहार धावक थे। वे रोजाना पांच किलोमीटर दौड़ का अभ्यास करते थे। हाल ही में उन्होंने स्टेट चैंपियनशिप में तीसरा स्थान हासिल किया था। दिसंबर 2024 में वे आल इंडिया यूनिवर्सिटी प्रतियोगिता और राष्ट्रीय स्तर की 5000 मीटर दौड़ में भाग ले चुके थे। रिंकू का सपना बड़ा एथलीट बनकर देश का नाम रोशन करना था।  
 
रिंकू के पिता भीकम मजदूरी करते हैं, जबकि भाई बीनू कानपुर में मजदूरी करता है। चाचा बाबी, जो पेशे से शिक्षक हैं, उन्होंने बताया दो महीने पहले रिंकू गांव आया था और दीपावली पर घर आने की बात कही थी। रविवार सुबह रिंकू के रूम पार्टनर ने फोन पर दुखद खबर दी। सूचना मिलते ही गांव के प्रधान रामवीर सिंह, प्रमोद कुमार और बाबी गोला भरतपुर रवाना हो गए। रिंकू की मृत्यु से उनके परिवार और गांव में गमगीन माहौल है। 
 
दो दिन पहले फाेन पर हुई थी बात  
 
घर का हाल चाल जानने के लिए रिंकू हर दूसरे-तीसने दिन फोन करता था। दो दिन पूर्व घर में पिता के पास फोन आया था बताया था आगे प्रतियोगिताओं के लिए तैयारी अच्छी चल रही है। उम्मीद है इसमें पदक जीत जाऊं। जिसके बाद पिता समेत सभी घरवालों ने अग्रिम बधाई दी थी। चाचा बाबी गोला ने बताया परिवार एक ऐसा सदस्य खोया जो सभी का लाडला था। 
 
युवाओं में हृदय रोग के कारण  
  
 - अनियमित जीवनशैली: शारीरिक गतिविधियों की कमी, देर रात तक जागना और खराब दिनचर्या, मोटापा 
 
  - मैदा और चिकनाई युक्त भोजन का सेवन : जंक फूड, उच्च वसा और नमक वाला भोजन, और फास्ट फूड का सेवन 
 
  - धूमपान और शराब: अत्यधिक शराब का सेवन और तंबाकू हृदय की धमनियों को नुकसान पहुंचाता है, 
 
  - तनाव: अत्यधिक मानसिक तनाव और अवसाद से ऐसे हार्मोन निकलते हैं जिससे खून की नलिकाओं में थक्का जमने की आशंका बढ़ जाती है। 
 
  - अनुवांशिक कारण: परिवार में किसी सदस्य को ह्रदय रोग है तो बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। 
 
  - उच्च रक्तचाप और मधुमेह: जिन मरीजों को ये बीमारियां हैं उन्हें हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है। 
 
    
 
 
इन लक्षणों को ना करें नजरअंदाज  
 
- बेहोश होना या गिर जाना। 
- सांस लेने में परेशानी या सांस बंद होना। 
- दिल की धड़कन तेज, अनियमित या बंद हो जाना। 
- सीने में भारीपन या बेचैनी   
  
युवाओं की दिल की धड़कन अत्यधिक तेज होने (वेंट्रिकुलर टैकीकार्डिया), दिल की अनियमित धड़कन (अरिथमिया) से अचानक हृदय गति रुकने से मौत हो रही है। ऐसे केस में तुरंत सीपीआर देते हुए अस्पताल पहुंचाना चाहिए। युवाओं में दिल की धड़कन में ब्लाकेज भी बड़े आकार की मिल रही है, इसलिए युवाओं में हार्ट सर्जरी करनी पड़ रही है। 
डा. सुशील सिंघल, कार्डियोथोरेसिक सर्जन एसएन मेडिकल कालेज   |