स्वर्णरेखा छठ घाट पर स्वच्छता का जायजा लेते अधिकारी।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। सूर्योपासना के महापर्व छठ के लिए लौहनगरी की जीवनरेखा, स्वर्णरेखा और खरकई, आस्था के निर्मल जल से पवित्र होने लगी हैं। दोमुहानी के पवित्र संगम से लेकर बागबेड़ा और हुड़लुंग तक, नदी तटों पर आस्था का श्रमदान जारी है। व्रतियों के परिवारजनों ने अर्घ्य की वेदी सजाने के लिए \“\“घाट छेंकाई\“\“ का पुण्य अनुष्ठान भी शुरू कर दिया है।
यह दृश्य लौहनगरी की साझा संस्कृति की अद्भुत मिसाल पेश करता है। कहीं युवा झाड़ू और कुदाल से वेदी के लिए भूमि समतल कर रहे हैं, तो कहीं महिलाएं गंगाजल छिड़ककर स्थान को पवित्र कर रही हैं। नदी तटों से लेकर शहर के तालाबों तक, हर ओर भक्ति का एक ही रंग नजर आ रहा है।
सोनारी निवासी रामसेवक सिंह कहते हैं, यह परंपरा वर्षों की है। हम पहले आकर अपनी जगह बना लेते हैं, पर छठी मइया का आंगन इतना बड़ा है कि यहां देर से आने वाला भी निराश नहीं लौटता। सब मिल-बांटकर पूजा करते हैं। उनकी बातों का समर्थन करते हुए बागबेड़ा के युवा विकास ने कहा, यह हमारे लिए सिर्फ सफाई नहीं, बल्कि मैया की सेवा है। इस सेवा में जो आत्मिक सुख है, वह अकथनीय है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें |