राज्य ब्यूरो, रांची। ईडी का समन फर्जी है या असली, इसका पता लगाना अब बेहद आसान हो गया है। आप घर बैठे उस समन पर छपे क्यूआर कोड को स्कैन कर उस समन की सच्चाई का पता लगा सकते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
हाल के दिनों में ईडी के नाम पर बढ़े साइबर फ्राड के मामले में इस जांच एजेंसी ने आम जनता की सुरक्षा व एजेंसी के हित में कई ठोस निर्णय लिया है।  
 
ईडी ने अपने इंटरनेट मीडिया एक्स पर भी आम लोगों को जागरूक करने संबंधित सामग्री आम जनता से साझा की है। ईडी ने लोगों से अपील की है कि ईडी के माध्यम से जारी समन को उस समन पर प्रिंटेड क्यूआर को स्कैन कर सत्यापित किया जा सकता है।  
 
इसके अलावा ईडी की वेबसाइट पर भी उस समन की सच्चाई का पता लगाया जा सकता है। एजेंसी के अनुसार ईडी किसी को न तो डिजिटल अरेस्ट करती है और न ही आनलाइन अरेस्ट करती है।  
 
आम जनता को सतर्क रहने की जरूरत है। ईडी अधिकारियों के नाम पर आने वाले काल जालसाजों के माध्यम से भेजे जा सकते हैं। ये ईडी के मामलों में फंसाने की धमकी देकर, डरा-धमकाकर गाढ़ी कमाई ठग सकते हैं।  
 
ईडी ने आम लोगों को सावधान किया है कि वे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों के रूप में फर्जीवाड़ा करने वाले धोखेबाजों के झांसे में न आएं।  
ईडी ने नाम पर ठगी के कुछ प्रमुख मामले   
  
 - डोरंडा निवासी एक अधिकारी की पत्नी को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर अपराधियों ने 59 लाख 44 हजार 307 रुपये की साइबर ठगी की थी। उन्हें मनी लांड्रिंग के मामले में फंसाने की धमकी देकर साइबर अपराधियों ने धमकाया और उक्त ठगी की थी।  
 
  - 28 मार्च को दर्ज प्राथमिकी मामले में साइबर अपराध थाने की पुलिस ने बिहार के पटना जिले के सुल्तानगंज थाना क्षेत्र के टिकिया टोली महेंद्रु निवासी अजय कुमार सिन्हा व उनका बेटा सौरभ शेखर को गिरफ्तार किया था।  
 
  - रायपुर में सिंचाई विभाग के रिटायर्ड कर्मी तुषारकर देवांगन को मनी लांड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देकर 32.54 लाख रुपये की ठगी मामले में जुलाई 2025 में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।  
 
  - दिल्ली की एक महिला को उनके खाते में गलत ट्रांजेक्शन दिखाकर साइबर अपराधियों में मनी लांड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी दी और उनसे 2.50 लाख रुपये की ठगी कर ली।  
 
  - नोएडा के सेवानिवृत्त अधिकारी को मनी लांड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी देकर 1.70 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में सितंबर महीने में ही अज्ञात साइबर अपराधियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है। 
 
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