कंपनी की तरफ से बताया गया कि प्रमोटर ग्रुप बायबैक में हिस्सा नहीं लेगा।
नई दिल्ली| Infosys Buyback News: देश की दूसरी बड़ी आई आईटी कंपनी इन्फोसिस के 18000 करोड़ रुपए के शेयर बायबैक ऑफर से कंपनी के प्रमोटर और को-फाउंडर नारायण मूर्ति, उनकी पत्नी सुधा मूर्ति, नंदन नीलेकणी समेत अन्य प्रमोटरों ने खुद को अलग कर लिया है। कंपनी ने बुधवार, 22 अक्टूबर को स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी दी। कंपनी ने बताया कि प्रमोटर ग्रुप इस बायबैक में हिस्सा नहीं लेगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
क्यों शामिल नहीं होंगे प्रमोटर?
कंपनी ने कहा कि बायबैक रेगुलेशंस के मुताबिक, प्रमोटर और प्रमोटर ग्रुप को टेंडर ऑफर रूट के तहत इसमें भाग लेने का विकल्प होता है। लेकिन इस मामले में उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वे इसमें भाग नहीं लेंगे। इन्फोसिस की ओर से शेयर बाजार को दी गई जानकारी के मुताबिक, “प्रमोटर और प्रमोटर ग्रुप ने 14 सितंबर, 16 सितंबर, 17 सितंबर, 18 सितंबर और 19 सितंबर 2025 को लिखे अपने पत्रों में बायबैक में भाग न लेने की इच्छा जताई थी।“
कंपनी के अनुसार, फिलहाल प्रमोटर और प्रमोटर ग्रुप की कुल हिस्सेदारी 13.05% है। बायबैक के बाद उनके वोटिंग राइट्स में बदलाव आ सकता है।
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कौन हैं इन्फोसिस के प्रमोटर?
इन्फोसिस के प्रमोटरों में कंपनी के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति और नंदन नीलेकणी समेत उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं। इनमें नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति, बेटी अक्षता मूर्ति और बेटे रोहन मूर्ति शामिल हैं। वहीं, नंदन नीलेकणी की पत्नी रोहिणी नीलेकणी और बच्चे निहार और जान्हवी नीलेकणी भी प्रमोटर ग्रुप का हिस्सा हैं। इसके अलावा, इन्फोसिस के अन्य को-फाउंडर्स और उनके परिवार भी प्रमोटर ग्रुप में शामिल हैं।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि बड़े प्रमोटरों का बायबैक से दूर रहना यह संकेत देता है कि वे कंपनी के लंबे समय तक ग्रोथ पर भरोसा रखते हैं और अपने शेयर होल्ड करना चाहते हैं। |