निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है।
राज्य ब्यूरो,रांची । निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। तमाम दलों ने अपने-अपने स्तर से कार्यकर्ताओं को चुनावी मैदान में किस्मत आजमाने के लिए निर्देश देकर छोड़ दिया है और दलगत आधार पर गतिविधियों को सीमित रखा गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अभी तक की परिस्थितियों को देखें तो पार्टियों ने उम्मीदवार बनने को आतुर कार्यकर्ताओं को स्वयं ही किस्मत आजमाने को कह दिया है लेकिन कुछ नेता जीत-हार का दारोमदार भी उठाने को तैयार हैं।
अपने बीच के कार्यकर्ताओं को मैदान में उतारकर उनकी मदद भी कर रहे हैं। वार्ड और मेयर पदों को लेकर आरक्षित सीटों की सूचना अभी तक सार्वजनिक नहीं हुई है। इसकी अधिसूचना जारी होने के बाद गतिविधियां और भी तेज होंगी।
वार्ड स्तर पर चुनावी तैयारियों में कांग्रेस के नेता आगे हैं। कांग्रेस ने पहले ही वार्ड कमेटियों का गठन कर लिया है और इन कमेटियों के अध्यक्ष भी चुन लिए हैं।
पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर बताते हैं कि संगठन सृजन का लाभ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मिलेगा। पार्टी जमीनी स्तर पर मजबूत हुई है।
प्रदेश मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने दावा किया कि अलग-अलग स्तरों पर कमेटियों का गठन हो जाने से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को चुनाव में लाभ मिलना लगभग तय है। यह बात अलग है कि पार्टियां खुलकर किसी का समर्थन या विरोध नहीं करेंगी।
झामुमो और कांग्रेस के बीच दिख सकता है गठबंधन का असर
निकाय चुनाव को लेकर तैयारियों के बीच झामुमो और कांग्रेस के बीच गठबंधन का असर दिख सकता है। दोनों दलाें के कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय पहले से ही बना हुआ है। इस बार गठबंधन में राजद के लिए माहौल अनुकूल नहीं होगा।
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार झामुमो राजद को साथ लेकर चलने के लिए फिलहाल तैयार नहीं होगा और कांग्रेस भी इसके लिए कोई दबाव नहीं बनाएगी। ऐसे में राजद कार्यकर्ताओं को चुनाव के दौरान गठबंधन के साथियों की मदद नहीं मिलेगी। |