cy520520                                        • 2025-10-21 09:06:13                                                                                        •                views 852                    
                                                                    
  
                                
 
  
 
    
 
चित्रकूट में आज से शुरू होगा पांच दिवसीय गधे मेले का आयोजन। फोटो जागरण  
 
  
 
जागरण संवाददाता, चित्रकूट। दीपावली पर आयोजित पांच दिवसीय मेले में एक अनोखी परंपरा को जीवित रखते हुए गधा मेला मंगलवार से मंदाकिनी नदी के तट पर शुरू होने जा रहा है। यह मेला न केवल स्थानीय आकर्षण का केंद्र है, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी विशेष महत्व रखता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
समाजसेवी आलोक द्विवेदी के अनुसार, इस मेले की शुरुआत मुगल शासक औरंगजेब के काल में हुई थी। कहा जाता है कि जब उसके सैन्य बलों के पास घोड़ों की कमी पड़ी, तब अफगानिस्तान से खच्चरों की नस्ल मंगवाई गई और चित्रकूट में गधा मेला लगवाया गया। तभी से यह परंपरा निरंतर चली आ रही है।  
 
मेला संयोजक मुन्ना मिश्रा ने बताया कि इस बार करीब पांच हजार गधों के खरीदे-बेचे जाने की संभावना है और कारोबार एक करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। देश के विभिन्न हिस्सों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और नेपाल से व्यापारी इस मेले में भाग लेते हैं।  
 
गधों की बोली फिल्मी सितारों के नाम से लगाई जाती है, जैसे ‘सल्लू भाई’, ‘शाहरुख’ या ‘काजोल’। अच्छी नस्ल के गधे इन नामों से बिकते हैं और खरीदार उनकी कीमत बिना झिझक चुकाते हैं।  
 
गधों की गुणवत्ता, ताकत और चाल के आधार पर बोली लगती है, और कई बार एक गधा 20-30 हजार रुपये तक में बिकता है। मेले में गधों की बिक्री पर टैक्स नगर पालिका नयागांव द्वारा वसूला जाता है। यह मेला चित्रकूट की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा बन चुका है और इसे देखने हर साल हजारों पर्यटक भी पहुंचते हैं। |   
                
                                                    
                                                                
        
 
    
                                     
 
 
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