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ना रिजर्वेशन, ना तत्काल... छठ पर घर जाने के लिए स्पेशल ट्रेनों में भी उम्मीद खत्म; बसों का किराया हुआ 3 गुना

cy520520 2025-10-20 21:06:38 views 519

  



जागरण संवाददाता, बलिया। लोक आस्था का महापर्व छठ अब केवल कुछ दिन दूर है, लेकिन देश के विभिन्न महानगरों से पूर्वांचल लौटने वाले प्रवासी यात्रियों के लिए घर पहुंचना किसी दुःस्वप्न से कम नहीं रह गया है। रेलवे की अधिकांश ट्रेनों में स्लीपर से लेकर एसी तक सभी सीटें फुल हैं। तत्काल कोटा भी चंद मिनटों में भर जा रहा है, वहीं कई प्रमुख ट्रेनों में \“\“रिग्रेट\“\“ की स्थिति बन गई है, यानी टिकट की कोई भी संभावना नहीं बची है।

नहीं मिल रही है जगह, ना रिजर्वेशन, ना तत्काल विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

मुंबई, दिल्ली, सूरत, अहमदाबाद, पुणे, कोलकाता जैसे महानगरों में रहने वाले पूर्वांचलवासी रात-भर टिकट काउंटर पर कतार में खड़े रहकर भी कंफर्म टिकट नहीं पा रहे हैं। ऑनलाइन बुकिंग में भी टिकट खुलते ही सीटें भर जा रही हैं। यात्रियों का कहना है कि दलालों को अतिरिक्त 2000 रुपये तक देने के बावजूद भी टिकट नहीं मिल रहा।

स्पेशल ट्रेनों में भी उम्मीद खत्म

रेलवे द्वारा चलायी गई विशेष ट्रेनों में भी भारी वेटिंग या रिग्रेट की स्थिति बन चुकी है। यथा 11066 पवन एक्सप्रेस (लोकमान्य तिलक से जयनगर) के स्लीपर व एसी कोच में रिग्रेट, 19165 साबरमती एक्सप्रेस (अहमदाबाद से दरभंगा) के सभी श्रेणियों में रिग्रेट, 19045 ताप्ती-गंगा एक्सप्रेस (सूरत से छपरा) में टिकट उपलब्ध नहीं, डाउन सद्भावना एक्सप्रेस, सियालदह-बलिया एक्सप्रेस में सभी कोच फुल होने से लोग परेशान हैं। छठ पर्व के बाद अप ट्रेनों में भी यही स्थिति बनी हुई है, जिससे लोगों की वापसी यात्रा भी अनिश्चित हो गई है।

बसों का किराया तीन गुना, फिर भी भीड़

छठ को देखते हुए प्राइवेट बस ऑपरेटरों ने किराया बेतहाशा बढ़ा दिया है। दिल्ली से बलिया जाने वाली बस का किराया जो पहले 1200 से 1600 रुपये था, वह अब बढ़कर 2600 से 3600 रुपये हो चुका है। यही हाल वराणसी, पटना, मुजफ्फरपुर और गाजीपुर की बसों का है। इसके बावजूद बसें भी पूरी तरह बुक हो चुकी हैं।


छठ महापर्व तक डाउन में कन्फर्म टिकट मिलना लगभग नामुमकिन है। यही स्थिति अप ट्रेनों की भी है। यात्रियों की भारी भीड़ और सीमित संसाधनों के चलते टिकटों की यह स्थिति बनी हुई है। — पंकज कुमार, वाणिज्य अधीक्षक, सुरेमनपुर


छठ पर्व की तिथियां-
25 अक्टूबर – नहाय-खाय
26 अक्टूबर – खरना
27 अक्टूबर – संध्या अर्घ्य
28 अक्टूबर – उगते सूर्य को अर्घ्य व पारण
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