नई दिल्ली। अब तक आपने सुना होगा कि डिजिटल करेंसी गुमनाम होती है। इस पर कोई नियंत्रण नहीं होता है। लेकिन यह सबसे बड़ा भ्रम हाल ही में टूटता नजर आया। हाल ही में अमेरिका के न्याय विभाग (DOJ) ने 13.4 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के बिटकॉइन (करीब 1,17,854 करोड़ रुपये) जब्त किए हैं, जिससे बिटकॉइन की गोपनीयता और सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
हालांकि ये बिटकॉइन कंबोडिया के एक कथित अपराधी से जब्त किए गए हैं। जिसका नाम चेन झी (Chen Zhi) है। यह टाइकून “पिग बुत्चरिंग“ नामक एक बड़े साइबर फ्रॉड रैकेट का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।  
 
चेन झी, जन्म चीन में हुआ है जो ब्रिटिश व कंबोडियन नागरिकता रखते हैं। इन पर वायर फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश रचने के आरोप हैं। उन्होंने कथित रूप से कंबोडिया में जबरन श्रम से काम करवाने वाले स्कैम कैंप्स चलाए। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने चेन के कब्जे से 127,271 बिटकॉइन जब्त किए, जो कि अब तक का सबसे बड़ा क्रिप्टो एसेट फॉरफीचर है।  
 
    
इतनी बड़ी रकम का पता सरकार को कैसे चला?  
 
अमेरिकी न्याय विभाग ने यह नहीं बताया कि उन्होंने बिटकॉइन तक पहुंच कैसे बनाई, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार यह संभवतः पुराने ट्रांजेक्शन और इंसाइडर चोरी के कारण हुआ। ब्लॉकचेन सुरक्षा फर्म के अनुसार, चेन के क्रिप्टो वॉलेट्स में कमजोर प्राइवेट कीज का इस्तेमाल हुआ था, जो पहले ही 2020 में हैक हो चुके थे।  
 
एक रिपोर्ट में बताया गया कि इन वॉलेट्स की (Key) एक कमजोर (PRNG) से बनाई गई थीं, जिससे उन्हें हैक करना आसान हो गया था।  
बिटकॉइन गोपनीय लेकिन निकली कमजोर?  
 
बिटकॉइन की सबसे बड़ी पहचान उसकी गुमनामी है। यहां तक कि इसे बनाने वाले सतोशी नाकामोटो की पहचान भी अब तक रहस्य बनी हुई है। लेकिन यह घटना दिखाती है कि अगर तकनीकी सुरक्षा में चूक हो, या कानून प्रवर्तन एजेंसियों के पास पर्याप्त जानकारी हो, तो बिटकॉइन जैसे डिजिटल एसेट को भी जब्त किया जा सकता है।  
 
विशेषज्ञों का मानना है कि जब्त की गई अधिकांश क्रिप्टो संपत्तियां अपराधियों की गिरफ्तारी और उनके सिस्टम तक पहुंच के बाद ही ली जाती हैं। यह ब्लॉकचेन की किसी कमजोरी के चलते नहीं है। इस मामले में भी DOJ की कार्रवाई तकनीकी रूप से सही व कानूनी दायरे में थी।  
स्व-वॉलेट बनाम होस्टेड वॉलेट  
 
चेन के बिटकॉइन “unhosted wallets“ में थे, यानी जिनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद यूज़र पर होती है। ऐसे वॉलेट्स अधिक गोपनीयता और फंड्स पर पूरा नियंत्रण देते हैं, लेकिन तकनीकी रूप से कम जानकार यूज़र्स के लिए जोखिम भी बढ़ा देते हैं — जैसे कि कुंजी गुम हो जाना या कमजोर कुंजी का उपयोग।  
बाजार पर असर  
 
इतनी बड़ी जब्ती से क्रिप्टो बाजार में अस्थिरता आ सकती है और निवेशकों का आत्मविश्वास डगमगा सकता है। लेकिन ये घटनाएं ये भी साबित करती हैं कि सरकारें और कानून प्रवर्तन एजेंसियां क्रिप्टो पर नजर रख रही हैं। |