deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

हापुड़ की सालासर फैक्ट्री, सुरक्षा मानकों की अनदेखी, साल-दर-साल मजदूरों के लिए साबित हो रही जानलेवा

Chikheang 2025-10-18 10:36:41 views 901

  

हापुड़ की सालासर फैक्ट्री साबित हो रही जानलेवा।



केशव त्यागी, हापुड़। थाना पिलखुवा क्षेत्र के धौलाना रोड पर स्थित सालासर फैक्ट्री की ब्रांच एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार वजह इसका उत्पादन नहीं, बल्कि कामगारों की जान लेने वाला खूनी इतिहास है।

बुधवार की शाम को हुए ताजा हादसे ने इस फैक्ट्री की लापरवाही को फिर से उजागर किया है। एक पुरानी, जर्जर कैंची मशीन के गिरने से बागपत के विजय शर्मा की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि गाजियाबाद के शादाब और फैसल सहित तीन अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। यह कोई पहला हादसा नहीं है, फैक्ट्री का इतिहास मौतों और दबाए गए मामलों से भरा पड़ा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

बता दें कि 15 अक्टूबर की शाम सालासर फैक्ट्री में पुराने टीन शेड को हटाकर नया शेड लगाने का काम चल रहा था। इसी बीच भारी कैंची मशीन कामगारों पर आ गिरी। इस दौरान विजय शर्मा की मौके पर ही मौत हो गई। घायल शादाब वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है, जबकि फैसल और एक अन्य कामगार का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

कामगारों को बिना सेफ्टी किट या हेलमेट के काम पर लगाया गया था। जर्जर मशीनों और टीन शेड की मरम्मत न होने की शिकायतें लंबे समय से थीं, लेकिन प्रबंधन ने इसे नजरअंदाज किया।
फैक्ट्री का खूनी इतिहास, एक के बाद एक मौत

23 अगस्त 2023: हाफिजपुर के गांव नान के जगबीर यादव की सिर पर गटर गिरने से मौत। उनके भाई भोजवीर यादव ने मैनेजिंग डायरेक्टर, ठेकेदार पारसनाथ और दो वरिष्ठ कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। मुआवजे की मोटी रकम देकर मामला दबा दिया गया।

आठ जनवरी 2024: बिहार के छपरा जिले के संजीत कुमार मांझी की धधकती भट्ठी में गिरकर मौत। उन्हें बचाने की कोशिश में रामदेव और मुन्नू चौधरी झुलस गए। इस मामले में भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

छह जुलाई 2025 : जर्जर टीन शेड गिरने से पिलखुवा के खेड़ा गांव के रामभूल की मौत। कामगार मनीष, संदीप, संजेश, कुलदीप घायल हुए। मामले में फैक्ट्री मालिक आलोक अग्रवाल, शलभ अग्रवाल, शशांक अग्रवाल, मैनेजर महेंद्र सिंह त्यागी, प्रोडक्शन मैनेजर ऋषिदेव सिंह, एचआर मैनेजर मनोज शर्मा और ठेकेदार श्रीकांत कुशवाह के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ।
मौत का सौदा, मुआवजा बनाम इंसाफ

फैक्ट्री मालिकों की रणनीति साफ है, मोटी रकम का लालच देकर चुप करा दो। रामभूल के परिवार को सात लाख रुपये और एक नौकरी देकर मामला रफा-दफा कर दिया गया। गवाहों ने शपथ पत्र दे दिए। वहीं, पुलिस-प्रशासन ने भी आंखें मूंद लीं। मृतक विजय शर्मा के परिवार को मुआवजे का आश्वासन दिया जा रहा है, जिसके चलते तहरीर अब तक नहीं दी गई। स्थानीय लोगों और कामगारों के बताया कि फैक्ट्री में सेफ्टी आडिट या नियमित निरीक्षण जैसी कोई व्यवस्था नहीं है। बिना प्रशिक्षण और सुरक्षा उपकरणों के खतरनाक परिस्थितियों में काम करना पड़ता है। कामगारों को हेलमेट या सेफ्टी बेल्ट नहीं दिए जाते। मशीनें इतनी पुरानी हैं कि कभी भी टूट सकती हैं। लेकिन काम न करें तो नौकरी चली जाएगी।
नाकामी या पुलिस-प्रशासन की मिलीभगत

छोटे-मोटे मामलों में तुरंत सक्रिय होने वाले अधिकारियों की बड़े मामले में चुप्पी संदेह पैदा कर रही है। थाना पिलखुवा के प्रभारी निरीक्षक पटनीश कुमार ने बताया कि मृतक के स्वजन से बातचीत की गई है। तहरीर मिलने पर रिपोर्ट दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह है समाधान की राह

- श्रम विभाग और फैक्ट्री इंस्पेक्टर को साप्ताहिक निरीक्षण करना चाहिए। जर्जर मशीनों और टीन शेड को तुरंत हटाया जाए।
- पुराने मामलों में चार्जशीट दाखिल की जाए। मुआवजे के दबाव में गवाहों को पलटने से रोकने के लिए स्वतंत्र जांच जरूरी है।
- कामगार संगठनों को मजबूत कर उनके अधिकारों की रक्षा की जाए। सेफ्टी ट्रेनिंग और उपकरण अनिवार्य किए जाएं।
- पुलिस और प्रशासन को मुआवजे के दबाव में न झुककर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
like (0)
ChikheangForum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

Chikheang

He hasn't introduced himself yet.

210K

Threads

0

Posts

710K

Credits

Forum Veteran

Credits
70958