कैशलेस चिकित्सा योजना के मरीज को लौटाने पर अस्पताल को चेतावनी।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के मरीजों को निजी अस्पतालों से बिना इलाज लौटाए जाने के मामले को राज्य नोडल एजेंसी साचीज ने गंभीरता से लिया है।
साचीज की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अर्चना वर्मा ने योजना से संबद्ध निजी अस्पतालों को चेतावनी दी है कि वे स्टेट हेल्थ कार्डधारकों को बिना इलाज के वापस नहीं लौटा सकते हैं। जो भी निजी अस्पताल आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से संबद्ध हैं, वे पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना से स्वत: ही जुड़ गए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सीईओ ने निजी अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना में सरकारी कर्मचारी, सेवानिवृत्त कर्मचारी और उनके आश्रितों को स्टेट हेल्थ कार्ड के माध्यम से कैशलेस इलाज की सुविधा दी गई है। आयुष्मान भारत योजना से संबद्ध सभी निजी अस्पतालों को इस योजना के मरीजों का भी पांच लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज करना होगा।
किसी भी परिस्थिति में लाभार्थी को इलाज देने से मना नहीं किया जा सकता है। यदि कोई अस्पताल कैशलेस चिकित्सा योजना के लाभार्थी को इलाज देने से मना करता है या उससे नकद धनराशि ली जाती है तो यह माना जाएगा कि वह आयुष्मान भारत/राज्य कर्मचारी कैशलेस योजना में कार्य करने का इच्छुक नहीं है। ऐसे में उस चिकित्सालय की संबद्धता समाप्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
अर्चना वर्मा ने बताया कि कई निजी अस्पतालों ने स्टेट हेल्थ कार्ड होने के बावजूद मरीजों का इलाज करने से मना किया है। इसकी शिकायत मिलने के बाद अस्पतालों को इलाज के नियम की जानकारी दी गई है। यदि दोबारा शिकायत मिली तो अस्पतालों को नोटिस देकर कार्रवाई की जाएगी। |