राज्य ब्यूरो, लखनऊ। संभल में मीट कारोबार करने वाली कंपनी इंडियन फ्रोजन फूड के संचालकों के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेजों की शुरुआती पड़ताल में कई अहम तथ्य सामने आए हैं। सूत्रों के अनुसार बीते डेढ़ से दो वर्षाें में कंपनी व बोगस फर्मों के खातों से 300 करोड़ रुपये से अधिक रकम नकद निकाली गई थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
कंपनी संचालकों ने इसी अवधि में संभल में कई कीमती संपत्तियां व लग्जरी कारें भी खरीदी थीं। आयकर विभाग बरामद दस्तावेजों के आधार पर पड़ताल कर रहा है कि बैंकों से नकद निकाली गई रकम का निवेश कहां-कहां किया गया।  
 
संभल में मीट करोबारियों द्वारा बड़े पैमाने पर कर चोरी की शिकायतें लंबे समय से थीं। फील्ड पर शुरुआती जांच में गड़बड़ियां सामने आने पर आयकर विभाग ने पहली बार संभल में इतनी बड़ी छापेमारी की, जो सोमवार से गुरुवार तक चार दिन चली। इस दौरान आयकर विभाग के अधिकारियों को बड़ी मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा।  
 
मीट कारोबारी के कई कर्मचारी अपने घरों में ताला बंद कर भाग गए। इनमें कई कर्मियाें के नाम बोगस फर्में खोलकर बड़ा खेल किया जा रहा था। कई जगह महिलाओं को आगे कर दिया गया। हालांकि आयकर की टीमें तंग गलियों में घुसने से पीछे नहीं हटीं और उन्हें स्थानीय स्तर पर अतिरिक्त पुलिस का सहयोग लेना पड़ा।  
 
छापेमारी में आयकर विभाग के 120 अधिकारी व कर्मी शामिल रहे। आयकर अधिकारियों के अलमारी के ताले तुड़वाकर भी दस्तावेज कब्जे में लेने पड़े। लेनदेन से जुड़े कई रजिस्टर भी बरामद हुए। आयकर विभाग के एक अधिकारी के अनुसार कुछ स्थानों पर उनकी टीमों का पीछा भी किया गया। संभल में कुल 19 स्थानों पर छानबीन की गई।  
 
इसके अलावा कंपनी संचालकों के दिल्ली, बरेली, बुलंदशहर व नोएडा स्थित अन्य ठिकानों पर छानबीन की गई। छापेमारी के दौरान आयकर को लगभग 400 करोड़ रुपये की कर चोरी के सुराग मिले हैं। जबकि लगभग चार करोड़ रुपये के जेवर व दो करोड़ रुपये नकद बरामद हुए। |