सिद्दरमैया का मूर्ति दंपत्ति पर तंज। जागरण फोटो   
 
  
 
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक में इस समय सामाजिक और शैक्षणिक सर्वे को लेकर विवाद चल रहा है। इस पर मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति और उनकी पत्नी और लेखिका सुधा मूर्ति पर तंज कसा है। सिद्दरमैया ने उन पर जाति सर्वेक्षण के आशय को गलत समझने का आरोप लगाया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
सिद्दरमैया का ये तंज ऐसे समय में आया है जब मूर्ति दंपति ने इस सर्वे में हिस्सा लेने से किनारा कर लिया। और कहा कि वे किसी पिछड़े समुदाय से नहीं हैं और यह सर्वेक्षण ऐसे ही समूहों के लिए है।“ सीएम ने इस पर कहा कि यह सर्वे किसी एक वर्ग-विशेष के लिए नहीं, बल्कि पूरे राज्य की जनता की भलाई के लिए है।  
सिद्दरमैया का मूर्ति दंपत्ति पर तंज  
 
मूर्ति दंपत्ति के इस फैसले ने एक बहस छेड़ दी है। साथ ही राज्य सरकार ने इसकी कड़ी आलोचना की है। राज्य सरकार इस सर्वेक्षण को कर्नाटक की सामाजिक-आर्थिक वास्तविकताओं का आकलन करने में एक महत्वपूर्ण कदम मां कर चल रही है। इस पूरे विवाद पर बोलते हुए सीएमसिद्दरमैया ने ये भी कहा कि देखिए, यह उन पर छोड़ दिया गया है। यह केवल पिछड़े वर्गों का सर्वेक्षण नहीं है। अगर वे इसे नहीं समझते, तो मैं क्या कह सकता हूँ? अगर वे इंफोसिस के संस्थापक हैं, तो क्या वे बृहस्पति हैं?“ मुख्यमंत्री ने ज्ञान के प्रतीक हिंदू देवता बृहस्पति का आह्वान करते हुए टिप्पणी की।  
 जाति सर्वेक्षण पर गलत जानकारी का आरोप  
 
उन्होंने आगे कहा, “हम 20 बार कह चुके हैं कि यह सिर्फ़ पिछड़े वर्गों का सर्वेक्षण नहीं है। यह पूरी आबादी का सर्वेक्षण है - कर्नाटक के सभी सात करोड़ लोगों का सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक सर्वेक्षण। क्या ऊँची जातियों को शक्ति या गृह लक्ष्मी जैसी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता? मुझे लगता है कि उनके पास ग़लत जानकारी पहुँच गई है। इसीलिए हमने बार-बार विज्ञापन दिए हैं और मैं, मंत्री और अन्य लोग इस बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए बयान दे रहे हैं।“ सिद्दरमैया की यह टिप्पणी बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के अधिकारियों की उस रिपोर्ट के बाद आई है जिसमें कहा गया है कि जब सर्वेक्षक उनके घर आए तो मूर्ति दंपत्ति ने आंकड़े देने से इनकार कर दिया। सुधा मूर्ति ने तो सर्वेक्षण में भाग लेने से इनकार करते हुए एक स्व-घोषणा पत्र पर भी हस्ताक्षर कर दिए। |