जागरण संवाददाता, उरई। एट थाना के पिरौना से नकली डीएपी खाद बनाने के कारखाना के भंडाफोड़ के मामले में आरोपितों की तलाश में लगातार छापेमारी हो रही है। गुरुवार व शुक्रवार को पुलिस टीम की ओर से झांसी और उरई के विभिन्न पांच ठिकानों पर आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी गई लेकिन कोई हाथ नहीं लग सका। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि इस मामले में पूरी सक्रियता बरती जा रही है। सात आरोपितों पर जालसाजी सहित अन्य धाराओं में एट थाने में मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है। गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लगी हुई हैं।  
 
पिरौना पुलिस चौकी से तीन सौ मीटर दूर एक खेत से सोमवार की शाम को नकली डीएपी खाद तैयार करने का कारखाना पकड़ गया था। उस दौरान आरोपित टीम आने की भनक लगते ही भाग निकले थे। मौके से 102 बोरी नकली डीएपी इफको की बोरियों में भरी हुई मिली थी। इफको की ही ढाई सौ खाली बोरी के साथ 58 बोरी कच्चा माल मिला था।  
 
वहां से बोरी सिलने की मशीन, जनरेटर भी मिला था। जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय की ओर से तैयार प्लान के तहत पुलिस लाइन से एक नई पुलिस टीम का गठन कर जिला कृषि अधिकारी के साथ अन्य अधिकारियों ने झांसी से खाली ट्रक का पीछा करते हुए नकली खाद बनाने के ठिकाने तक पहुंचे थे।  
 
जिला कृषि अधिकारी गौरव यादव ने बताया कि आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। गुरुवार व शुक्रवार को करीब पांच ठिकानों पर दबिश दी गई लेकिन आरोपित पकड़ में नहीं आ सके हैं, उम्मीद है जल्द गिरफ्तारी हो सकेगी।  
 
इस मामले में जांच से पता चला कि यह गोदाम हरिपाल पुत्र स्व. बाबूराम, विधाता यादव, दाता यादव पुत्रगण स्व. रामपाल सिंह, व इंदल सिंह, जालिम सिंह पुत्रगण जमुनादास, निवासी पिरौना की जमीन पर बना था। यह नकली खाद छोटू उर्फ शुभ रिछारिया एवं कृष्ण कुमार यादव (निवासी ग्राम ढेरा, थाना पूंछ जिला झांसी) द्वारा जमीन मालिकों के साथ मिलकर तैयार कराई जा रही थी। इन सभी पर मुकदमा एट थाने में पहले ही दर्ज कराया जा चुका है। |