बिहार सीएम नीतीश कुमार।  
 
  
 
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। जिले में एनडीए के घटक दल अपनी-अपनी चिह्नित सीटों पर प्रत्याशियों को उतारने में जुट गए हैं। इसी कड़ी में जदयू ने दो सीटों पर भाजपा से उम्मीदवार लिया। हालांकि, ये पूर्व में जदयू से ही जुड़े थे। इसी बहाने पुराने साथियों को घर वापसी भी कर ली। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
पार्टी ने मंगलवार को पूर्व मंत्री अजीत कुमार को कांटी से और मीनापुर के पूर्व विधायक एवं मंत्री दिनेश कुशवाहा के पुत्र अजय कुशवाहा को मीनापुर से टिकट दिया गया है। दोनों नेता फिलहाल भाजपा से जुड़े हुए थे। अजय कुशवाहा ने तो वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से चुनाव भी लड़ा था।  
 
पिछले चुनाव में लोजपा से चुनाव लड़े और 42 हजार वोट लाकर जदयू की हार तय कर दी। इसके बाद वह फिर भाजपा में शामिल हो गए। वहीं 2015 में ही अजीत कुमार हम में चले गए थे।  
 
पिछले विधानसभा चुनाव में जदयू से मो. जमाल के उम्मीदवार होने पर वह निर्दलीय चुनाव लड़े और दूसरे नंबर पर रहे। इसके बाद उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया।  
 
एनडीए से यह सीट जदयू के खाते में चली गई। इस चुनाव में एनडीए रिस्क नहीं लेना चाह रहा था, इसलिए अजीत कुमार को जदयू से सिंबल दे दिया गया। राज्यस्तर पर समीक्षा के बाद जदयू नेतृत्व ने पिछले दो दिनों में यह बड़ा बदलाव किया।  
 
माना जाता है कि पिछले चुनाव में मीनापुर और कांटी दोनों सीटों पर इन दोनों नेताओं के आमने-सामने उतरने से एनडीए के वोटों का ध्रुवीकरण हुआ था, जिसका नुकसान एनडीए को उठाना पड़ा। इस बार उसी गलती को सुधारने और समीकरण साधने के लिए जदयू ने अपने पुराने नेताओं को वापस बुलाया है। |