संजय कपूर संपत्ति मामले में वसीयत को जाली बताते हुए कई त्रुटियां उजागर। फाइल फोटो
जागरण टीम, नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालयमें मंगलवार को करिश्मा कपूर के बच्चों द्वारा दायर एक मुकदमे की सुनवाई हुई, जिसमें वे अपने दिवंगत पिता और व्यवसायी संजय कपूर की निजी संपत्ति में हिस्सा मांग रहे हैं। उनका आरोप है कि उनकी कथित वसीयत जाली है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसमें कई जगहों पर उनके बेटे का नाम और बेटी का पता गलत लिखा है। करिश्मा कपूर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने वसीयत में त्रुटियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि संजय कपूर अपनी बेटी का पता जानते थे और ऐसी गलतियां संजय कपूर के चरित्र के बिल्कुल विपरीत हैं।
जेठमलानी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि वसीयत की भाषा और खंड संजय कपूर द्वारा लिखे गए नहीं हैं। एक खंड का हवाला देते हुए, उन्होंने कहा कि इसमें “मेरे सभी उत्तराधिकारियों“ का उल्लेख है, फिर भी इसमें संजय कपूर की मां रानी कपूर का जिक्र नहीं है, जिनकी हमेशा से देखभाल की जाती रही है।
जेठमलानी ने तर्क दिया कि वसीयत में वसीयतकर्ता का ज़िक्र स्त्रीलिंग में किया गया है, जिसमें “वह“ और “उसकी“ शब्दों का इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने इसे “हास्यास्पद“ बताया और सुझाव दिया कि संजय कपूर ने “एक महिला के रूप में हस्ताक्षर“ किए हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसी वसीयत कपूर की समझ वाले किसी व्यक्ति द्वारा नहीं लिखी जा सकती। उन्होंने इसे जालसाजी का सबूत बताते हुए कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि संजय ने वसीयत लिखी थी।
जेठमलानी ने कहा कि संजय कपूर के अपने बच्चों के साथ बहुत अच्छे संबंध थे, तो वह वसीयत में अपनी बेटी का पता गलत कैसे लिख सकते हैं। उन्होंने आगे सवाल उठाया कि उनके बेटे का नाम कई जगहों पर गलत कैसे लिखा जा सकता है। |
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