क्या है एपल का बग बाउंटी प्रोग्राम  
 
  
 
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। Apple, Google जैसी बड़ी कंपनियां अपने ग्राहकों की सेफ्टी के लिए काफी सजग रहती हैं। बड़ी टेक कंपनियां समय-समय पर बग्स को खोजने के लिए स्पेशल प्रोग्राम रखती रहती हैं। इस दौरान कंपनियां उनके प्रोडक्ट में बग खोजने वालों को बड़ी-बड़ी राशि इनाम में देती हैं। ऐसा ही लेटेस्ट बग खोजने वाला वाला प्रोग्राम एपल ने लॉन्च किया है। इसके तहत कंपनी 2 मिलियन डॉलर यानी करीब 17.7 करोड़ रुपये की प्राइज मनी रखी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
यह प्राइज मनी उन्हें दी जाएगी जो एपल के सॉफ्टवेयर में ऐसा बग खोज निकालेंगे, जिनकी मदद से हैकर्स यूजर्स के डिवाइस का एक्सेस ले सकते हैं। आमतौर पर इन्हें जीरो-क्लिक हैक भी कहा जाता है, जिसमें हैकर बिना किसी लिंक के यूजर के डिवाइस को हैक कर सकते हैं।  
खतरनाक बग खोजने पर मिलेगा बड़ा इनाम  
 
एपल का कहना है कि वह लॉकडाउन मोड में बग्स खोजने पर भी इनाम देगा। खासकर ऐसे बग्स जो उसकी सेफ्टी को बायपास करते हैं। इसके लिए कंपनी मैक्सिमम 2 मिलियन मॉडल का भुगतान करेगी। इसके साथ ही कंपनी अपने बीटा सॉफ्टवेयर, रिग्रेशन में बग्स खोजन पर 1.5 मिलियन डॉलर तक इनाम में देती है। इसके साथ ही अन्य कैटगरी में भी वह इनाम देती है, जो उसकी सिक्योरिटी साइट पर होती हैं।  
 
Apple का कहना है कि यह इंडस्ट्री में बग्स खोजने पर दिया जाने वाला सबसे बड़ा इनाम है। हम अपने बोनस सिस्टम के तहत बीता सॉफ्टवेयर में लॉकडाउन मोड बाइपास और बग्स खोजने के लिए इनाम देते हैं। कंपनी का कहना है कि वह इस राशि को दोगुने से भी ज्यादा कर सकता है। कंपनी भविष्य में 5 मिलियन डॉलर तक का भुगतान कर सकती है।  
2022 में शुरू हुआ था बाउंटी प्रोग्राम  
 
Apple ने बताया कि बग बाउंटी प्रोग्राम में अपडेट नवंबर 2025 में प्रभावी होंगे। कंपनी Apple Security Research साइट पर नई कैटगरी, पुरुस्कारों और बोनस के साथ-साथ सभी निर्देशों को प्रकाशित करेगी। Apple Security Bounty Program की शुरुआत साल 2022 में हुई थी। तब से अब तक कंपनी 35 मिलियन डॉलर (करीब 300 करोड़ रुपये) का भुगतान कर चुकी है। यह राशि 800 सिक्योरिटी रिसर्चर्स को दी गई है।  
 
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