142 में से 141 गांवों में बीएसएनएल के टावर
महेन्द्र पाण्डेय, जागरण, लखनऊ : प्रदेश के 142 गांवों में केवल भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) का नेटवर्क मिलेगा। इनमें से 141 गावों में नेटवर्क चालू हो गया है। उत्तर प्रदेश पूर्व परिमंडल का एक गांव बचा है। वहां भी जल्द टावर लगा दिया जाएगा। इन सभी गांवों को पहली बार 4जी नेटवर्क मिल रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
डिजिटल भारत निधि के 4जी सेचुरेशन प्रोजेक्ट के तहत बीएसएनएल को कुल 142 गांवों में नेटवर्क उपलब्ध कराने का जिम्मा मिला था। इनमें से 98 गांव उत्तर प्रदेश पूर्व परिमंडल के जबकि 44 गांव पश्चिम परिमंडल के हैं। बीएसएनएल के उत्तर प्रदेश पूर्व परिमंडल के प्रधान महाप्रबंधक मोहम्मद जफर इकबाल ने बताया कि ये ऐसे गांव हैं, जिनमें किसी भी दूरसंचार कंपनी का नेटवर्क नहीं था।
इनमें सोनभद्र के सर्वाधिक 35 गांव 4जी सेचुरेशन परियोजना के तहत चयनित हैं। वहां के 34 गांवों में नेटवर्क चालू हो गया है। बचे एक गांव में भी टावर लगाया जा रहा है। सहारनपुर के 18, लखीमपुर खीरी के 11, चंदौली व ललितपुर के 10-10, बिजनौर व पीलीभीत के आठ-आठ, बलरामपुर के सात, बांद के पांच, आगरा व चित्रकूट के चार-चार, औरैया, महराजगंज व बहराइच के दो-दो गांव, गोरखपुर, जालौन , रामपुर, मेरठ, रामपुर, शामली, मुजफ्फरनगर व झांसी का एक-एक गांव 4जी सेचुरेशन परियोजना के तहत चयनित है। इनमें ताे टावर चालू हो गए हैं।
बीएसएनएल, उप्र पूर्व परिमंडल के मुख्य महाप्रबंधक एके गर्ग ने बताया कि चयनित 142 में से 141 गांवों में बीएसएनएल के टावर लगा दिए गए हैं। इन गांवों में 4जी नेटवर्क मिलने लगा है। सोनभद्र के बचे एक गांव में भी टावर लगाने का काम चल रहा है।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी 4जी नेटवर्क
सोनभद्र, चंदौली और मीरजापुर में वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में 2जी-3जी नेटवर्क 4जी में अपग्रेड किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश पूर्व परिमंडल के तीनों जिलों में 78 साइट चिह्नित की गई हैं। इनमें चंदौली व मीरजापुर में छह-छह व सोनभद्र में 66 साइट हैं। इनमें से 25 साइट पर काम कराया जा चुका है। 53 पर काम शुरू कराया जा रहा है। |