संवाद सहयोगी, डुमरांव (बक्सर)। डुमरांव रेलवे स्टेशन इन दिनों सुरक्षा के मामले में पूरी तरह लचर व्यवस्था का शिकार है। स्टेशन की सुरक्षा का जिम्मा महज एक होमगार्ड के कंधों पर है, जो 24 घंटे की ड्यूटी निभाने को मजबूर है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह स्टेशन अब शराब तस्करी का मुख्य अड्डा बन चुका है, जहां न केवल ट्रेनों से अवैध शराब उतारी जाती है, बल्कि आसपास के शराब विक्रेताओं का जमावड़ा भी प्लेटफॉर्म पर बेखौफ रहता है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्लेटफॉर्म पर खुले आम शराब बिक्री होती है और अपराधी चरित्र के लोग स्टेशन पर डेरा जमाए रहते हैं।
हाल ही में, दो दिन पहले टिकट काउंटर के समीप एक मकान में अवैध पटाखों का बड़ा खेप पकड़ा गया, जो स्टेशन की लापरवाह सुरक्षा व्यवस्था को उजागर करता है। आए दिन होने वाली आपराधिक गतिविधियों के बावजूद शिकायत दर्ज करने में यात्रियों को बक्सर जाने की परेशानी का सामना करना पड़ता है, जिससे लोग शिकायत करने से कतराते हैं।
ट्रेनों के आवागमन के समय स्टेशन पर जेबकतरों और उच्चकों की सक्रियता बढ़ जाती है, जिससे यात्रियों में हर समय डर का माहौल बना रहता है। पहले डुमरांव रेलवे स्टेशन पर जीआरपी पोस्ट के साथ एक सब-इंस्पेक्टर और चार पुलिस जवानों की तैनाती थी, जहां छोटी-मोटी शिकायतें तुरंत दर्ज हो जाती थीं, लेकिन अब आरपीएफ के एक-दो सिपाही केवल खानापूर्ति के लिए हाजिरी लगाते हैं।
प्रतिदिन दर्जनों ट्रेनों का ठहराव और हजारों यात्रियों का आवागमन होने के बावजूद सुरक्षा व्यवस्था की यह लापरवाही स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी का कारण बनी हुई है। खासकर चुनाव के समय में प्रशासन की यह उदासीनता किसी बड़ी घटना को न्योता दे सकती है।
स्थानीय लोग और यात्री प्रशासन से स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की मांग कर रहे हैं, ताकि शराब तस्करी और अपराध पर अंकुश लगाया जा सके और यात्रियों को सुरक्षित माहौल मिले।
कहते हैं जीआरपी थानाध्यक्ष
पूर्व में डुमरांव रेलवे स्टेशन पर जीआरपी का पोस्ट हुआ करता था। यह पोस्ट कब खत्म हुआ, इसकी जानकारी नहीं है। वर्तमान में डुमरांव में सुरक्षा के लिए एक होमगार्ड की तैनाती की गई है। वैसे प्रयास रहता है कि सुरक्षा व्यवस्था हमेशा मजबूत रहे। बक्सर से लगातार निगरानी की जाती है। -बृजेंद्र कुमार, जीआरपी थानाध्यक्ष, बक्सर |