भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल निर्माण क्षेत्र ने पिछले एक दशक में अभूतपूर्व विकास दर्ज किया है। वर्ष 2014-15 में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन मात्र 1.9 लाख करोड़ रुपये था, जो अब वर्ष 2024-25 में लगभग छह गुना बढ़कर 11.3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इस दौरान मोबाइल फोन निर्यात 1,500 करोड़ रुपये से बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये हो गया, जिससे भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता बन गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उत्पादन और रोजगार सृजन में तेजी
इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण क्षेत्र ने पिछले दस वर्षों में 25 लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजित किए हैं, जिससे यह न केवल औद्योगिक विस्तार का प्रतीक बन गया है, बल्कि रोज़गार और आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण चालक भी बन गया है। उत्पादन-से-संबंधित प्रोत्साहन (PLI) योजना और कारोबार करने में सुगमता बढ़ाने जैसी सरकारी पहल ने स्थानीय निर्माण और निर्यात दोनों को प्रोत्साहित किया है।
वर्तमान में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में वैश्विक निवेश का आकर्षक केंद्र बन चुका है। वर्ष 2020-21 से अब तक इस क्षेत्र में 4 बिलियन डॉलर से अधिक का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) आ चुका है। भारत से इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के प्रमुख निर्यात गंतव्य अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, नीदरलैंड, ब्रिटेन और इटली हैं।
मोबाइल निर्माण और निर्यात की क्रांति
भारत की मोबाइल क्रांति ने समाज और आजीविका के स्वरूप को बदल दिया है। 85 प्रतिशत से अधिक भारतीय परिवारों के पास स्मार्टफोन है, जिससे यह उपकरण शिक्षा, बैंकिंग, मनोरंजन और सरकारी सेवाओं तक पहुंच बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है।
मोबाइल उत्पादन वर्ष 2014-15 में 18,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 5.45 लाख करोड़ रुपये हो गया। उत्पादन इकाइयां 2 से बढ़कर अब 300 से अधिक हो गई हैं और सालाना लगभग 330 मिलियन मोबाइल फ़ोन निर्मित होते हैं। निर्यात की दृष्टि से, 2024-25 में भारत से मोबाइल फोन का निर्यात 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, और वर्ष 2025-26 के पहले पांच महीनों में ही निर्यात 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है।
इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025
नई दिल्ली में आयोजित 9वें इंडिया मोबाइल कांग्रेस का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इसमें 150 देशों से 1.5 लाख से अधिक आगंतुक, 7,000 वैश्विक प्रतिनिधि और 400 कंपनियां भाग ले रही हैं। इस सम्मेलन में 5G, 6G, AI, स्मार्ट मोबिलिटी, साइबर सुरक्षा और हरित प्रौद्योगिकी सहित 1,600 से अधिक उपयोग मामलों को प्रदर्शित किया जाएगा।
सरकारी पहल और भविष्य की योजनाएं
उत्पादन-से-संबंधित प्रोत्साहन (PLI), इलेक्ट्रॉनिक्स घटक निर्माण योजना (ECMS) और SPECs जैसी योजनाओं ने स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा दिया है और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारत की भूमिका मजबूत की है। राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति (NPE) 2019 का उद्देश्य भारत को वैश्विक स्तर पर ESDM (Electronic System Design and Manufacturing) केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल निर्माण यात्रा नवाचार, महत्वाकांक्षा और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता का परिचायक है। निरंतर नीतिगत समर्थन और निवेश आकर्षण के साथ, देश वर्ष 2030-31 तक 500 बिलियन डॉलर का घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम बनाने और वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनने के लिए तैयार है। |