प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने संगठित अपराध पर बड़ी कार्रवाई करते हुए कुख्यात अपराधी शरद पांडे के कार लूट गिरोह का भंडाफोड़ किया है। करीब एक दशक तक दिल्ली और एनसीआर में लग्जरी गाड़ियों की लूट और चालकों के अपहरण की वारदातों को अंजाम देने वाले इस गिरोह के खिलाफ पुलिस ने महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत कार्रवाई की है। पांच आरोपितों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि दो अन्य फरार आरोपियों डेयर माडा यांगडा और यूसुफ अली को अदालत ने घोषित अपराधी घोषित कर दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
क्राइम ब्रांच के उपायुक्त सुरेंद्र कुमार यादव के मुताबिक, शरद पांडे बिंदापुर थाने का दर्ज बैड कैरेक्टर है और पिछले बीस वर्षों से अपराध की दुनिया में सक्रिय है। वह दिल्ली और आसपास के इलाकों में लग्जरी कारों को हथियारों के बल पर लूटता था।
उसके गिरोह के सदस्य चालक को अगवा कर सुनसान जगह छोड़ देते थे और गाड़ियों को अरुणाचल प्रदेश व दूसरे पूर्वोत्तर राज्यों में बेच देते थे। जांच में सामने आया कि इस गिरोह का उद्देश्य केवल आर्थिक लाभ हासिल करना था।
पुलिस की पड़ताल में यह भी पता चला कि शरद ने अपराध से कमाए धन से लखनऊ में अपने पिता के नाम पर 1,800 वर्ग फुट का मकान खरीदा और करीब 80 लाख रुपये खर्च कर निर्माण कराया। बाद में यह स्पष्ट हुआ कि पूरी रकम अपराध की कमाई से दी गई थी। पुलिस ने अदालत में इस संपत्ति की कुर्की के लिए आवेदन दे दिया है।
क्राइम ब्रांच की नई दिल्ली रेंज की टीम ने एसीपी की निगरानी में इस संगठित गिरोह की गहन जांच की। जांच के दौरान गिरोह से जुड़े सक्रिय सदस्यों की पहचान की गई जो चोरी की गाड़ियों को उत्तर-पूर्व में बेचने का काम करते थे।
पुलिस ने गिरोह के पांच आरोपितों शरद पांडे, कपिल चितानिया, विजय फारमाना, सुमित उर्फ विक्की उर्फ वकील और चंद्रशेखर गुप्ता उर्फ चंदू को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। इसके बाद अदालत ने 18 जुलाई को इन सभी के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं।
फरार चल रहे दो आरोपित
डेयर माडा यांगडा और यूसुफ अली भी इस गिरोह के अहम सदस्य हैं। यांगडा चोरी की लग्जरी कारों को खरीदकर अरुणाचल प्रदेश और अन्य राज्यों में बेच देता था। वहीं यूसुफ अली भी इस गिरोह के लिए चोरी की गाड़ियों की खरीद-बिक्री में मदद करता था। दोनों के खिलाफ अदालत में गैरहाजिरी में मुकदमा चलाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। शरद पांडे का अपराध रिकार्ड बेहद लंबा है।
वह पिछले दो दशक से दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में सक्रिय है। अब तक उसके खिलाफ हत्या, अपहरण, डकैती, फिरौती, नशीले पदार्थों की तस्करी, अवैध हथियार रखने और लूट जैसी गंभीर धाराओं में पचास से ज्यादा मामले दर्ज हैं।
वह कई बार जेल जा चुका है और कई वारदातों में फरार भी रहा है। उसके खिलाफ ट्रिपल मर्डर, दो डबल मर्डर और कई बार फिरौती के लिए अपहरण जैसे संगीन मामले दर्ज हैं। अदालतों में कई मामलों में उसे सजा भी सुनाई जा चुकी है।
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