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नई दिल्ली। भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने सितंबर में गजब की ग्रोथ हासिल की है। इस बार SIP इनफ्लो यानी निवेश पहली बार ₹29,361 करोड़ पहुंच गया। यह अब तक का सबसे ज्यादा है।
हालांकि नेट इक्विटी इनफ्लो अगस्त के मुकाबले सितंबर में ₹33,417 करोड़ से घटकर ₹30,405 करोड़ रहा। वहीं कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) बढ़कर 75.61 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। स्मॉलकैप और मिडकैप फंड्स में निवेश धीमा रहा, वहीं गोल्ड ETF में निवेशकों में बढ़त देखने को मिली है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
क्यों आई SIP में इतनी बड़ी उछाल
SIP में निवेश का रिकॉर्ड इसलिए टूटा क्योंकि रिटेल निवेशक लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन पर भरोसा बनाए हुए हैं। सितंबर में SIP इनफ्लो ₹29,361 करोड़ रहा। अगस्त में यह करीब ₹28,000 करोड़ था।
यह लगातार तीसरे महीना है जब SIP कलेक्शन ₹28,000 करोड़ से ऊपर है। बाजार की अस्थिरता के बावजूद निवेशक गिरावट में SIP खरीदारी कर रहे हैं।
कुल AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट) कितना रहा?
सितंबर में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का कुल AUM ₹75.61 लाख करोड़ रहा,जो अगस्त के ₹75.18 लाख करोड़ से बढ़ा है।यह दर्शाता है कि म्यूचुअल फंड्स में नेट इनवेस्टमेंट फ्लो और मार्केट अपमूव दोनों का असर रहा।
गोल्ड ETF में आई बढ़त?
सोने की कीमतें $4,000/oz के रिकॉर्ड के करीब हैं। महंगाई और ग्लोबल अनिश्चितता के बीच निवेशक अब “सेफ हेवन” एसेट की ओर रुख कर रहे हैं। इससे गोल्ड ETF में इनफ्लो तीन गुना से ज्यादा बढ़ा है।
सैमको म्यूचुअल फंड के सीईओ विराज गांधी के मुताबिक एम्फी डेटा से पता चला है कि शुद्ध इक्विटी प्रवाह 30,405 करोड़ रुपये रहा, जो अगस्त में 33,417 करोड़ रुपये से कम है, जो बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच सतर्क निवेशक भावना को दिखाता है।
थीमैटिक फंड संग्रह में आई मंदी, निवेश प्रवाह में आई कमी का प्रमुख कारण रही। पिछले 12 महीनों और 36 महीनों की अवधि में, इस श्रेणी ने म्यूचुअल फंड क्षेत्र के एयूएम में वृद्धि में सबसे अधिक योगदान दिया था। इस श्रेणी का कुल फंड संग्रह में लगभग 27% योगदान रहा। इस अवधि के दौरान नए फंड ऑफरिंग (एनएफओ) की कमी के कारण यह मंदी आई है। पिछले 12 महीनों के औसत ₹6,345 करोड़ की तुलना में, यह सितंबर 2025 तक केवल ₹1,221 करोड़ था। |