दिल्ली-रोहतक रोड सुरक्षित रखने के लिए चेयरपर्सन ने रखे पांच अहम सुझाव (File Photo)
जागरण संवाददाता, रोहतक। नगर परिषद चेयरपर्सन सरोज राठी ने वीरवार को लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता अनिल रोहिल्ला से मुलाकात कर उन्हें दिल्ली-रोहतक रोड की निर्माण प्रक्रिया को लेकर पांच अहम सुझावों पर पत्र सौंपा।
चेयरपर्सन ने कहा कि यह सड़क बहादुरगढ़ शहर की जीवनरेखा है और इस पर रोजाना हजारों वाहन चलते हैं। ऐसे में निर्माण कार्य के दौरान गुणवत्ता और तकनीकी मजबूती को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए, ताकि यह सड़क लंबे समय तक सुरक्षित रह सके और दोबारा जर्जर न हो। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सरोज राठी ने ज्ञापन में कहा कि दिल्ली-रोहतक रोड के सिविल अस्पताल के सामने, लाल चौक पर स्टैंडर्ड स्वीट्स के पास, पूर्व विधायक सूरजमल वाली गली, मुंगेशपुर ड्रेन के पास विवेकानंद नगर चौक और मेट्रो स्टेशन के नीचे के हिस्से निचले इलाकों में आते हैं।
यहां अक्सर जलभराव की समस्या रहती है, जिसके कारण सड़क बार-बार टूट जाती है और गड्ढे बन जाते हैं। इस वजह से न केवल लोगों को आवागमन में दिक्कत होती है बल्कि ट्रैफिक जाम की स्थिति भी बनती रहती है। चेयरपर्सन ने सुझाव दिया कि ऐसे स्थानों पर या तो सीमेंट-कंक्रीट से सड़क बनाई जाए या फिर मेस्टिक परत बिछाई जाए, ताकि पानी का असर सड़क पर न पड़े।
उन्होंने मांग की कि टेंडर की शर्त के अनुसार अगर ऐसा न हो सके तो इन स्थानों पर तारकोल कंक्रीट की मात्रा बढ़ाई जाए। इन स्थानों पर सड़क नीची है। यहां पर तारकोल की परत को बढ़ाकर इसका लेवल ऊंचा किया जाए। इसके अलावा सड़क का ढलान नाले की ओर रखा जाए, जिससे वर्षा का पानी तुरंत बह सके और सड़क पर जमा न हो। उन्होंने कहा कि यदि निर्माण कार्य में ये तकनीकी सुधार अपनाए जाएं तो यह सड़क वर्षों तक मजबूत और टिकाऊ रहेगी।
इतना ही सड़क किनारे लगाई जा रही टायलों को तारकोल की सड़क से नीचे रखी जाए ताकि पानी तारकोल की सड़क पर न आए। उन्होंने कहा कि शहरवासियों को अब ऐसी समस्याओं से राहत मिलनी चाहिए। उन्होंने एक्सईएन अनिल रोहिल्ला से आग्रह किया कि ज्ञापन में दिए सुझावों को सड़क निर्माण कार्य में तत्काल शामिल किया जाए, ताकि निर्माण के बाद सड़क की जल्दी से दोबारा मरम्मत की नौबत न आए। इस मौके पर चेयरपर्सन प्रतिनिधि रमेश राठी भी उपस्थित रहे।
सुझाव पत्र पर एक्सईएन अनिल रोहिल्ला ने कहा कि चेयरपर्सन के सुझाव तकनीकी रूप से व्यावहारिक हैं और विभाग इन पर अमल करने का पूरा प्रयास करेगा। सड़क निर्माण के दौरान गुणवत्ता, जलनिकासी और ढलान को प्राथमिकता दी जाएगी। |