सड़कों पर गड्ढों ने बढ़ाई दिल्लीवासियों की परेशानी। ध्रुव कुमार
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। सड़कों पर गड्ढों ने बढ़ाई दिल्ली के लोगों की परेशानी बढ़ाई हुई है। अधिकतर इलाकों में सड़काें का बुरा हाल है। इन गड्ढों के कारण सड़कों पर जाम बढ़ रहा है। वाहनों को नुकसान हाे रहा है और यात्री दुर्घटनाओं से भी परेशान हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सरकारी दावे कागजों तक ही सीमित होकर रह गए हैं, जमीन पर काम नजर नहीं आ रहा है। जबकि दिल्ली सरकार मानसून आने से पहले ही दावा कर चुकी थी कि इस बार जनता को गड्ढाें से परेशान नहीं होने दिया जाएगा।
स्थिति पर गौर करें तो दिल्ली की सड़कों पर लगातार बन रहे गड्ढों से वाहन चालक यहां तक कहते दिखते हैं कि दिल्ली में सरकार तो बदल गई है मगर हालात नहीं बदले हैं। हालात अभी भी वैसे के वैसे ही हैं।
सड़कों पर गड्ढे पूर्व की सरकार के समय ही तरह अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। यहां तक कि लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) अपने मुख्यालय के आसपास भी गड्ढों को दूर नहीं कर पा रहा है।
आईटीओ लाल रामचरण अग्रवाल चौक से तिलक ब्रिज की ओर जाने पर पिछले एक माह से दो बड़े गड्ढा बने हैं। वाहन चालक खासकर दोपहिया चालक दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं।
रात ही नहीं दिन के समय भी जब अनजान वाहन चालक चौक पर बत्ती ग्रीन होने पर बहादुर शाह जफर मार्ग और विकास मार्ग की ओर से तेज रफ्तार से यहां पहुंचते हैं तो गड्ढों में गिरकर या अचानक ब्रेक लगाने से दोपहिया चालक दुर्घटनाग्रस्त हो जा रहे हैं।
जनता इस समस्या से परेशान हो रही है। मगर पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को यह समस्या नजर नहीं आ रही है। शायद यही कारण है कि इन गड्ढों को भर पाना उनके लिए संभव नहीं हो रहा है। जबकि पीडब्यूडी मुख्यालय यहां से मात्र डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर ही है।
दक्षिणी पूर्वी दिल्ली के मथुरा रोड पर बदरपुर की ओर से आने पर जब वाहन चालक आश्रम अंडरपास के शुरू होने से ठीक पहले सड़क की बाईं ओर आकर सराय काले खां की ओर रिंग राेड पर आने के लिए मुड़ते हैं, उसी स्थान पर इतने भयंकर गड्ढे हैं कि जाम और बढ़ा दे रहे हैं।
पिछले 20 दिन से यहां हालात और खराब हो चुके हैं। एक तो यहां पहले से ही जाम लग रहा है और इन गड्डों के कारण जाम का समय दोगुना हो जा रहा है। इस मार्ग का उपयोग आसपास की तमाम पास काॅलोनियों के लोग भी प्रतिदिन करते हैं और इस जाम से जूझते हैं। पीडब्ल्यूडी इन गड्डों को भरने के लिए अस्थाई रूप से मालवा डालकर काम की इतिश्री मान ले रहे हैं।
उत्तरी पश्चिमी दिल्ली का कराला से मुंडका तक लगभग 7 किलोमीटर लंबा मार्ग इस इलाके के लोगों के लिए आसवागमन का प्रमुख मार्ग है। दिल्ली सरकार की डीटीसी हो या क्लस्टर बसें भी इसी मार्ग से गुजरती हैं।
पिछले चार माह से इस मार्ग के हालात इतने खराब हैं कि गड्डों में सड़क ढूंढनी पड़ रही है। इलाके के परेशान दो बार प्रदर्शन कर चुके हैं मगर हालात जस से तस ही नहीं उससे आैर खराब होते जा रहे हैं।
153 सड़कों के सुदृढ़ीकरण के लिए जारी किए टेंडर: पीडब्ल्यूडी
सड़कों के टूटे होने पर पीडब्ल्यूडी के अधिकारी ने कहा कि मानसून का समय लंबा खिंचने से सड़काें पर गड्ढों की समस्या बढ़ जा रही है। उन्होंने कहा कि वर्षा हो जाने से सड़कों को बनाने के काम में बाधा आ रही है। अधिकारी ने कहा कि उम्मीद है अब वर्षा नहीं होगी और जल्द ही गड्डे भरने का और तेजी से काम होगा।
उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा किए जा रहे इस नियमित मरम्मत कार्यों के अलावा शीत ऋतु से पहले केंद्रीय सड़क एवं अवसंरचना कोष (सीआरआईएफ) के तहत 153 सड़क सुधार परियोजनाओं पर काम शुरू होगा।
उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार की सड़क धूल नियंत्रण योजना के तहत पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने अधिकारियों के साथ बैठक की है और इन परियोजनाओं की स्थिति की समीक्षा की गई है। इसके लिए 803 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
विभाग ने मरम्मत कार्य के लिए पूर्व क्षेत्र में 65, उत्तर क्षेत्र में 33 और दक्षिण क्षेत्र में 55 सड़कों की पहचान की है। इसके अलावा धूल प्रदूषण नियंत्रण के लिए 1158 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से एंटी-स्माॅग गन से लैस 250 वाटर स्प्रिंकलर मशीनें किराये पर ली जाएंगी।
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