साेमनाथ भारती को उनकी पत्नी का वकील नहीं बनने देने की मांग की थी।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राउज एवेन्यू स्थित अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) की अदालत ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की याचिका खारिज कर दी। उन्होंने आम आदमी पार्टी की सरकार में विधायक रहे सोमनाथ भारती को उनकी पत्नी लिपिका मित्रा के लिए मानहानि केस में वकील बनने से रोकने की मांग की थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) पारस दलाल ने कहा कि कानून की नजर में पति और पत्नी अलग व्यक्ति हैं और उनके आर्थिक हित अलग हो सकते हैं। पति या पत्नी द्वारा एक-दूसरे के लिए मुकदमा लड़ना या बचाव करना गलत नहीं माना जाता।
कोर्ट ने कहा कि सीतारमण सुनवाई देख सकती हैं, लेकिन तब तक उनकी बहस नहीं सुनी जाएगी, जब तक शिकायतकर्ता और गवाहों से पूछताछ नहीं हो जाती है।
सीतारमण की ओर से दलील दी गई कि मामले में भारती को गवाह के रूप में बुलाया जा सकता है, जिससे हितों का टकराव हो सकता है। वहीं, लिपिका मित्रा ने दलील दी कि वह भारती को गवाह नहीं बनाएंगी।
वहीं, अदालत ने पांच हजार रुपये का जुर्माना माफ करने की लिपिका मित्रा की याचिका भी खारिज कर दी। लिपिका मित्रा ने सीतारमण पर वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान अपमानजनक टिप्पणियां करने का आरोप लगाया था।
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