सेना के अदम्य शौर्य, साहस व समर्पण देख हर किसी का हुआ सीना चौड़ा
आशुतोष गुप्ता, साहिबाबाद। ताकत वतन की हमसे है, हिम्मत वतन की हमसे है, इज्जत वतन की हमसे है, इंसान के हम रखवाले। इन पंक्तियों को जवानों की कदमताल ने सार्थक कर दिया। हिंडन एयरबेस पर परेड ग्राउंड में एयरफोर्स के जवानों की कदमताल से उनका अदम्य शौर्य, साहस व समर्पण दिखाई दिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उनकी लयबद्धता के आगे भीड़ से भरा मैदान भारत माता की जय के नारों से गूंज उठा। हर किसी के भीतर सेना के शौर्य को देखने की उत्सुकता रही। जवानों के परिवारों के साथ आम लोगों में भी कार्यक्रम को लेकर खासा जोश दिखाई दिया। हर कोई इस यादगार पल को अपने मोबाइल फोन के कैमरों में कैद करता हुआ दिखाई दिया।
कार्यक्रम में पहुंचे जवानों के परिवार वालों ने अपने प्रिय की वीरता पर गर्व जताया। किसी ने अपने भाई तो किसी ने बेटे को राष्ट्र सेवा में समर्पित बताया।
हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर तीन साल के बाद एयरफोर्स डे पर परेड का आयोजन किया गया। लंबे अंतराल के बाद हुए इस कार्यक्रम को लेकर लोगों में खासा उत्साह था। हालांकि लोग एयर-शो के क्रेज को लेकर एयरबेस पर पहुंचे थे लेकिन उनकी यह अपेक्षा अधूरी रही। लेकिन एयरक्राफ्ट की प्रदर्शनी से उनकी बांछे खिल उठी।
सेना व सुरक्षाकर्मियों ने भी लोगों को प्रदर्शनी में शामिल किए गए एयरक्राफ्ट के पास जाने से नहीं रोका और लोगों ने विमानों के साथ जमकर फोटो खिंचवाए। हिंडन एयरबेस पर वायु सेना दिवस मनाने के लिए सुबह आठ बजे से ही लोग पहुंचने शुरू हो गए थे। कार्यक्रम के आगे बढ़ने के साथ लोगों का उत्साह भी बढ़ता चला गया।
इस दौरान जवानों का उत्साह बढ़ाती हुई तालियां गूंजती रहीं। लड़ाकू विमान व स्वदेशी तकनीक से बनाए गए रडार सिस्टम और मिसाइलों के बारे में जानकारी करने के लिए हर कोई उत्सुक नजर आया।
वहीं, राफेल और ग्लोब मास्टर को लेकर भी लोग उत्साहित दिखाई दिए। बुधवार को हिंडन एयरफोर्स का नजारा ऐसा था कि मानो दुश्मनों को किस तरह धूल चटाई वह लोगों की आखों के सामने चल रहा है।
विटेंज कार से परेड स्थल पर पहुंचे एयर चीफ मार्शल
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह वायु दिवस समारोह में विंटेज 1967 फोर्ड सैलून कार से पहुंचे। इस कार में कई प्रमुखों को ले जाने वाले चार पहियों की दशकों पुरानी विरासत को दर्शाया गया। इसका सबसे पहले प्रयोग 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में पूर्व एयर चीफ मार्शल प्रताप चंद्र लाल ने वायु सेना का नेतृत्व किया था। इसे देखने के लिए भी लोगों में उत्साह रहा।
हेलीकाॅप्टरों पर दिखा आपरेशन सिंदूर का संदेश और राष्ट्रीय ध्वज के साथ सेना का ध्वज
परेड के दौरान एमआइ-17 हेलीकाप्टर परेड को सलामी देने के लिए आए। इस दौरान तीनों हेलीकाप्टर पर अलग-अलग ध्वज लगाए गए थे। एक हेलीकाप्टर पर राष्ट्रीय ध्वज, जबकि दूसरे पर एयरफोर्स का ध्वज और तीसरे पर आपरेशन सिंदूर का संदेश देता हुआ बैनर लटकाया गया था। इनके परेड स्थल से गुजरने पर लोगों ने खूब जयघोष किया और तालियां बजाईं।
वायुसेना की गौरवशाली विरासत को दर्शाया
स्थापना दिवस के दौरान एयर-शो की कमी को हेरिटेज विमानों टाइगर माथ, एचटी-2 और हार्वर्ड ने पूरा कर दिया। सबसे पहले आसमान में टाइगर माथ और एचटी-2 ने आकाश में करतब दिखाए और चक्कर लगाकर दर्शकों को रोमांचित किया। इसके बाद वायु सेना के सबसे पुराने एयरक्राफ्ट हार्वर्ड ने आसमान में धुंआ निकालते हुए हवा में गोते लगाए। इस दौरान हार्वर्ड ने परेड व सेना अध्यक्षों को सलामी भी दी। हेरिटेज विमान ने भारतीय वायु सेना की गौरवशाली विरासत को दर्शाया।
देश के जवानों के कारण ही हम अपने घरों में सुरक्षित हैं। आज का कार्यक्रम देखकर अहसास हो गया कि हमारा देश सुरक्षित हाथों में है। हमें अपनी सेना पर गर्व है।
-दिव्या, दर्शक
जवानों के उत्साह को देखकर बहुत अच्छा लगा। ये महज एक वायु सेना दिवस नहीं है, बल्कि ऐसे कार्यक्रमों से ही देश की ताकत दुश्मनों को दिखाई जाती है।
-सुनीता, दर्शक।
ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से हमारे जवानों ने पहलगाम हमले का बदला लिया। आतंकियों के ठिकानों पर वार कर उन्हें ध्वस्त कर दिया। ये शौर्य भारतीय सेना में ही है।
-सरिता कुमारी, दर्शक।
मेरा भाई वायुसेना में अपनी सेवा दे रहा है, इसका अहसास ही गर्व की अनुभूति कराता है। देश सुरक्षित हाथों में है, आज के कार्यक्रम ने साबित कर दिया। भारतीय सेना जैसा साहस किसी में नहीं।
-सरिता देवी, दर्शक।
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