पहाड़ का सीना चीर दिया एयरपोर्ट को आकार, समुद्र और नदी के बीच उड़ान भरेंगे प्लेन
तापस बनर्जी, धनबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को नवी मुंबई के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे। पीएम का कार्यक्रम धनबाद के लिए बेहद खास है। नवी मुंबई के जिस अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे, उसे विकसित करने में धनबाद के केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान-सिंफर की महत्वपूर्ण भूमिका है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सिंफर विज्ञानियों ने 92 मीटर ऊंचे उलवे पहाड़ और उलवे नदी की धारा मोड़ कर एयरपोर्ट को विकसित किया है। सिंफर की ब्लास्टिंग तकनीक से ही रनवे और टर्मिनल को आकार दिया गया है, जहां समुद्र और नदी के बीच हवाई जहाज उड़ान भरेंगे। उद्घाटन समारोह में सिंफर के प्रोजेक्ट लीडर डॉ. एमपी राय भी शामिल होंगे।
साल 2017 में हुआ था एमओयू
सिंफर और सिडको महाराष्ट्र लिमिटेड के बीच साल 2017 में नवी मुंबई में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट निर्माण में तकनीकी सहयोग के लिए एमओयू हुआ था। इस प्रोजेक्ट में सिंफर को पहाड़ की ऊंचाई को सुरक्षित तरीके से कम कर उसका समतलीकरण करना था।
साथ ही पहाड़ी के पास उलवे नदी की धारा को भी मोड़नी थी। कोरोना काल की वजह से प्रोजेक्ट में थोड़ा विलंब हुआ। मार्च में सिंफर ने भूमि विकास का काम पूरा कर सिडको को हैंडओवर कर दिया।
नॉन एयरपोर्ट एरिया में एयरो सिटी विकसित कर रहा सिंफर, जून तक पूरा होगा प्रोजेक्ट
रनवे और टर्मिनल बनाने में तकनीकी सहयोग के बाद अब नवी मुंबई एयरपोर्ट के नॉन एयरपोर्ट एरिया में एयरो सिटी निर्माण भी सिंफर विज्ञानियों के जिम्मे है। विज्ञानियों की देखरेख में एयरो सिटी विकसित की जा रही है।
प्रोजेक्ट लीडर डॉ. एमपी राय ने बताया कि नान एयरपोर्ट एरिया कहीं 15 मीटर, कहीं 20 मीटर तो किसी-किसी स्थान पर 30 मीटर तक ऊंचा है। विशेषज्ञों की मौजूदगी में प्रतिदिन ब्लास्टिंग कर समतलीकरण किया जा रहा है। पूरे एरिया को आठ मीटर के समान किया जाएगा।
इस प्रोजेक्ट में सात-आठ माह लग सकते हैं। जून तक प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य है। एयरो सिटी में यात्रियों के लिए होटल समेत अन्य जरूरी आधारभूत संरचनाएं विकसित होंगी। |