डाकघरों में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया। (सांकेतिक तस्वीर)  
 
  
 
  
 
संवाद सहयोगी, गन्नौर। डाक विभाग ने अब डाकघरों में रजिस्ट्री सेवा बंद करने का निर्णय लिया है। इसके स्थान पर केवल स्पीड पोस्ट सेवा उपलब्ध रहेगी। विभाग का कहना है कि डिजिटलाइजेशन और त्वरित डाक सेवाओं की बढ़ती मांग को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
रजिस्ट्री की तुलना में स्पीड पोस्ट तेज, सुरक्षित और ट्रैकिंग सुविधा से लैस है, इसलिए ग्राहकों को ज्यादा लाभ मिलेगा। हालांकि, रजिस्ट्री सेवा बंद किए जाने के निर्णय से आम आदमी की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। रजिस्ट्री का शुल्क मात्र 26 रुपये था, लेकिन स्पीड पोस्ट का न्यूनतम शुल्क 55 रुपये निर्धारित किया गया है, जो रजिस्ट्री के मुकाबले दोगुना से भी ज्यादा है।  
 
  
 
  
आठ रुपये की जीएसटी चुकानी पड़ रही  
 
  
 
डाकखाने में स्पीड पोस्ट करवाने वाले लोगों से 55 रुपये वसूले जा रहे हैं। जबकि उन्हें रसीद 47 रुपये की ही दी जा रही है। डाकघर कर्मचारियों के अनुसार आठ रुपये जीएसटी ली जा रही है।  
 
  
 
  
 
  
 
स्पीड पोस्ट की फीस रजिस्ट्री से ज्यादा है। ग्रामीण और साधारण लोग अतिरिक्त खर्च नहीं उठा पाएंगे। यह निर्णय गरीब और मध्यमवर्ग के लिए बोझ बढ़ाएगा।  
 
  
 
-मोनू शर्मा, स्थानीय निवासी  
 
  
 
  
 
  
 
   
  
थोड़ा अतिरिक्त खर्च होने पर भी स्पीड पोस्ट तेज और सुरक्षित है। आनलाइन ट्रैकिंग व समय पर डिलीवरी की सुविधा मिलने से उपभोक्ता संतुष्ट रहते हैं। वहीं कुछ लोगों को इस निर्णय से नुकसान भी होगा।  
  
-संदीप सिंघल, कार्यकारी अध्यक्ष, गन्नौर व्यापार मंडल   
 
  
 
  
 
  
 
  
 
  
 
   
  
डिजिटलाइजेशन और त्वरित डाक सेवाओं को बढावा देने के लिए सरकार ने 1 अक्टूबर से रजिस्ट्री सेवा पूरी तरह से बंद कर केवल स्पीड पोस्ट सेवा को शुरू रखा है। स्पीड पोस्ट का खर्च 47 रुपये है व आठ रुपये जीएसटी अतिरिक्त है। यह अभी साफ्टवेयर में अपलोड नहीं हुआ है, जैसे ही सॉफ्टवेयर अपडेट होगा तो रसीद 55 रुपये की ही दी जाएगी।  
  
- आनंद, पोस्टमास्टर, गन्नौर   |