deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

एनडीए, महागठबंधन या जनसुराज; किस ओर करवट लेगी बिहार की जनता? ये फैक्टर चौंकाने वाले हैं

deltin33 2025-10-7 19:36:38 views 630

  बिहार चुनाव का एलान, कौन बाजी मारेगा?





चुनाव डेस्क, नई दिल्ली/पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर इंतजार आखिरकार खत्म हो गया। चुनाव आयोग ने सोमवार को बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में कराने का एलान किया। छह और 11 नवंबर को मतदान होगा। 14 नवंबर को नतीजे घोषित होंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद इस बार करीब 7.43 करोड़ मतदाता राज्य की नई सरकार चुनेंगे। इनमें 3.92 करोड़ पुरुष और 3.50 करोड़ महिला मतदाता होंगी। इसके अलावा 14 लाख से अधिक मतदाता पहली बार मतदान में भाग लेंगे।  



चुनाव के एलान के बीच आइए एक नजर डालते हैं कि एनडीए, महागठबंधन और जन सुराज की मजबूती और कमजोरी पर:
एनडीए की मजबूती

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार की जन कल्याणकारी योजनाएं।
  • राजद के शासनकाल से नाराज मतदाताओं का एकमुश्त समर्थन
  • अगले पांच साल में एक करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार देने की घोषणा
  • मुफ्त बिजली, महिलाओं को रोजगार के लिए 10-10 हजार की सहायता, सामाजिक सुरक्षा पेंशन

एनडीए की कमजोरी

  • अफसरशाही के विरूद्ध आम लोगों की नाराजगी
  • मंत्रियों और नेताओं पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप
  • कार्यकर्ताओं की उपेक्षा
  • वर्तमान विधायकों के प्रति आक्रोश
  • पिछले विस चुनाव के समय विधायकों की ओर से की गई घोषणाओं का अकार्यान्वयन

महागठबंधन की मजबूती

  • मुस्लिम-यादव समीकरण के साथ रहने के कारण करीब 30 प्रतिशत वोटों की गारंटी
  • राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के कारण कांग्रेस की बढ़ी सक्रियता
  • तेजस्वी यादव के प्रति युवाओं में आकर्षण
  • नीतीश सरकार की कई योजनाओं का श्रेय लेने का प्रयास
  • महागठबंधन के दलों की एकजुटता

महागठबंधन की कमजोरी

  • टिकट वितरण में यादवों को वरीयता, मुसलमानों की उपेक्षा
  • दबंग समर्थकों के कारण कमजोर लोगों का पार्टी से अलगाव
  • बेटिकट समर्थकों के बागी बन कर मैदान में उतरने का खतरा
  • तेजस्वी के परिवार में टकराव, तेज प्रताप का अलग पार्टी बनाना
  • उम्मीदवारों के चयन में सहयोगी दलों की भावना की कद्र नहीं

जनसुराज पार्टी की मजबूती

  • संस्थापक प्रशांत किशोर की सटीक रणनीति
  • नया होने के कारण युवाओं और तंत्र से निराश लोगों का समर्थन
  • ग्रामीण क्षेत्रों की पदयात्रा के कारण बुनियादी समस्याओं की समझ
  • दूसरे दलों के बेटिकट हुए कुछ अच्छे उम्मीदवारों की संभावना
  • भ्रष्टाचार को बनाया मुख्य चुनावी मुद्दा

जनसुराज पार्टी की कमजोरी

  • अनुभवी चुनाव प्रचारकों की कमी
  • बड़ी संख्या उन समर्थकों की जो तुरंत लाभ चाहते हैं
  • टिकट वितरण के बाद असंतोष का खतरा
  • पार्टी पर सवर्णवादी होने का आरोप
  • आरोप यह भी पीके किसी और दल के लिए काम कर रहे हैं।


(इनपुट पटना ब्यूरो )



सिर्फ एक ऐप से होंगे सारे काम... बिहार चुनाव से पहले इलेक्शन कमीशन का बड़ा एलान; क्या है ECINet?
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

deltin33

He hasn't introduced himself yet.

210K

Threads

0

Posts

710K

Credits

administrator

Credits
70484