इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित परिचर्चा में शामिल डा. निमेष जी देसाई (बायें), साथ में अन्य चिकित्सक। सौ. संस्था  
 
  
 
  
 
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के बीच में सीधा संबंध है। अवसाद और चिंता जैसी कुछ मानसिक बीमारियां ऐसे शारीरिक लक्षण पैदा कर सकती हैं जिनका कोई विशेष कारण नहीं होता। ये मानसिक बीमारियां मधुमेह, स्ट्रोक और हृदय रोग के जोखिम को भी बढ़ा सकती हैं। भूख में बदलाव या नींद में बाधा भी इसके संकेत हो सकते हैं। इन्हें अनदेखा न करें। पूर्ण जांच कराएं। यह बातें विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य में इंडियन साइकेट्री सोसायटी की ओर से इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में रविवार को आयोजित परिचर्चा में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने कही। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
  
मानसिक स्वास्थ्य की गंभीर चुनौतियां  
 
विशेषज्ञों के मुताबिक, मानसिक स्वास्थ्य पर पहले बात ही नहीं होती थी। इससे ग्रसित लोग अवसाद और कुंठा में जीने को मजबूर थे। समाज में जागरूकता जरूर आयी है। इस पर बात हो रही है और जांच व उपचार के लिए भी लोग सामने आ रहे हैं। पर अब भी समाज के एक बड़े हिस्से को मानसिक स्वास्थ्य की गंभीर चुनौतियों से अवगत कराना बाकी है।  
संस्थानों को मिलकर काम करना होगा  
 
इहबास (इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एंड एलाइड साइंस) के पूर्व निदेशक निमेष जी देसाई के मुताबिक इसके लिए केवल चिकित्सक ही नहीं, इस दिशा में काम करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं और संस्थानों को मिलकर काम करना होगा।  
 
  
 
उन्होंने बताया कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य में आगामी दिनों में तीन और गोष्ठियां आयोजित की जाएंगी। चिकित्सकों के साथ ही मानसिक बीमारी से उबरने वाले और इन पर काम करने वाली संस्थाओं के प्रतिनिधि जन-जागरूकता को लेकर अपने-अपने सुझाव देंगे।  
 
परिचर्चा में इंडियन साइकेट्री सोसायटी की अध्यक्ष डाॅ. सविता मल्होत्रा, पूर्व अध्यक्ष डा. मृगेश वैष्णव आदि रहे।  
 
  
मानसिक बीमारी के प्रमुख संकेत  
  
 - भूख में बदलाव और नींद में बाधा 
 
  - जोखिम भरा व्यवहार (खुद को नुकसान पहुंचाना) 
 
  - चिंताजनक विचार, तनाव, असुरक्षा-रिश्तों में अलगाव या बहस 
 
  - मादक द्रव्यों का सेवन 
 
  - आत्मघाती विचार 
 
    
 
  
 
  
तनाव से निपटने के तरीके  
  
 - पर्याप्त नींद 
 
  - शराब और मादक द्रव्यों के सेवन से परहेज 
 
  - स्वस्थ संबंध बनाना 
 
  - अच्छा खाना 
 
  - व्यायाम 
 
  - ध्यान और अन्य गतिविधियां 
 
    
 
यह भी पढ़ें- कोरोना के बाद बढ़ा मानसिक तनाव, दिल्ली में आत्महत्या के बढ़ते मामले रोकेंगे 100 नए मानसिक स्वास्थ्य केंद्र |