सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव।- फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने खाद के संकट को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। सपा प्रमुख ने कि भाजपा सरकार में किसान उपेक्षा का शिकार हैं। ये सरकार न तो समय से खाद-बीज उपलब्ध करा पा रही है और न ही किसानों की फसलों का सही मूल्य दिला पा रही है। महंगाई के कारण खेती का लागत मूल्य बढ़ गया है। लेकिन किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम नहीं मिल रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों को धान और अन्य फसलों के लिए डीएपी, यूरिया और अन्य खाद समय से नहीं उपलब्ध करा पाई। लाइनों में लगे-लगे किसानों की जान चली गई, लेकिन सरकार ने कोई सुध नहीं ली। अब गेहूं, आलू, चना, मटर तथा अन्य फसलों के लिए किसानों को खाद की जरूरत है, लेकिन सरकार की कोई तैयारी नहीं। कालाबाजारी और मुनाफाखोरी चरम पर है। भाजपा ने किसानों से झूठे वादे किए। किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई।
वहीं सपा प्रमुख ने भारत के मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने के मामले को भी पीडीए से जोड़कर पोस्ट की। लिखा कि पीडीए समाज का अपमान करने वाले असभ्य लोगों की प्रभुत्ववादी सोच देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर बैठे व्यैति के लिए जितनी होती है, उतनी ही समाज के कमजोर व्यक्ति के लिए भी होती है। इसीलिए पीडीए का मतलब पीड़ित, दुखी, अपमानित है। पांच हजार साल से चल रहे अपमान को अब पीडीए समाज और सहन नहीं करेगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सपा ने दिया ज्ञापन
सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल ने सोमवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा को ज्ञापन सौंपा। इसमे आरोप लगाया गया है कि वाराणसी मंडल के जिलों में सपा के जिलाध्यक्षों व समर्थकों द्वारा शिक्षक एवं स्नातक एमएलसी निर्वाचन के लिए मतदाता सूचियों में नाम जुड़्वाने के लिए बल्क में दिए जा रहे प्रारूप-18 व प्रारूप-19 के आवेदन स्वीकार नहीं किए जा रहे। जबकि सत्ता पक्ष के समर्थकों से प्रारूप बल्क में लिए जा रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने मांग की है कि सपा की ओर से बल्क में दिए जा रहे आवेदनों को भी स्वीकार करने के लिए मंडल के सभी डीएम को निर्देश दिए जाएं। |