गाजा में जन्मे जुड़वां बच्चों की दर्दनाक कहानी (फोटो सोर्स- रॉयटर्स)  
 
  
 
  
 
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गाजा के जुड़वां बच्चे उदय और हमजा अबू ओदा ने अपनी जिंदगी में अब तक सिर्फ युद्ध और दर्द ही देखा है। उनका जन्म 2 नवंबर 2023 को हुआ था, यानी हमास और इजरायल के बीच युद्ध शुरू होने के एक महीने के बाद। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
दोनों भाई ऐसे माहौल में बड़े हो रहे हैं जहां हर दिन बम, गोली और भूख की आवाज सुनाई देती है। उनके पिता मारे जा चुके हैं, घर तबाह हो गया है और मां इमान अबू ओदा अब अपने पांच बच्चों के साथ एक बीच कैंप में टेंट में रह रही है।  
 
  
क्या है मां का सपना?  
 
इमान का सपना है कि उनके बच्चों को शांति, भोजन, घर और स्कूल मिले। लेकिन हकीकत बहुत कठिन है, बच्चों को लगातार भूख, बीमारियां और डर का सामना करना पड़ रहा है। इमान बताती हैं कि हम डरते हैं कि यह युद्ध कभी खत्म नहीं होगा और इसका कोई अंत नहीं दिखता है।  
 
युद्ध की शुरुआत में ही परिवार ने घर छोड़कर स्कूल में शरण ली थी। जब इमान को प्रसव पीड़ा हुई तो उन्हें पैदल अस्पताल जाना पड़ा क्योंकि फ्यूल नहीं था। अस्पताल के प्रसूति वार्ड घायल लोगों से भरा था और चारों तरफ शवों की बदबू और नवजात बच्चों की रोने की आवाजें थी।  
 
  
खुशी और दुख का मिला-जुला अहसास  
 
रॉयटर्स के फोटोग्राफर मोहम्मद सालेम के अनुसार, वहां का माहौल अजीब था क्योंकि खुशी और दुख दोनों का मिला-जुला अहसास था। इमान ने जुड़वां बेटों के जन्म दिया जिनका वजन 3 किलो था। लेकिन उस समय गाजा में दूध पाउडर, डायपर और जरूरी सामान की भारी कमी थी।  
 
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