बाजार से पूंजी जुटाने की तैयारी में कोल इंडिया। (प्रतीकात्मक फोटो)
जागरण संवाददाता, धनबाद। देश की सबसे बड़ी सरकारी कोयला कंपनी कोल इंडिया अब एक बड़े बदलाव के दौर में प्रवेश करने जा रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय यानी पीएमओ के निर्देश पर केंद्र सरकार ने तय किया है कि वर्ष 2030 तक कोल इंडिया की सभी सहायक कंपनियों को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कर दिया जाएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सरकार के इस फैसले का सीधा मतलब है कि आने वाले वर्षों में कोल इंडियार की सहायक कंपनियों के कई बड़े आइपीओ देखने को मिलेंगे। इसका असर शेयर बाजार में देखने को मिलेगा। शेयर बाजार से कंपनी की पूंजी मजबूत होगी।
जानकारी के मुताबिक मार्च 2026 तक कोल इंडिया की दो बड़ी कंपनियों भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) और सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट लिमिटेड (सीएमपीडीआई) को स्टाक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कर लिया जाएगा।
बीसीसीएल के आइपीओ को लेकर तैयारियां तेजी से चल रही है। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए देश व विदेश में रोड शो व कई कार्यक्रम भी हो चुके हैं। इन दोनों कंपनियों ने सेबी के पास अपने ड्राफ्ट पेपर भी जमा कर दिए हैं। इनकी लिस्टिंग आफर फार सेल के जरिए होगी, जिसमें कोल इंडिया अपनी हिस्सेदारी बेचेगी।
वहीं, साउथ इस्टर्न कोलफील्डस लिमिटेड और ए को भी शेयर बाजार में उतारने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। कोल इंडिया के बोर्ड ने इन दोनों कंपिनयों की लिस्टिंग को मंजूरी भी दे दी है।
उधर, कोयला मंत्रालय ने भी निर्देश दिया है कि अगले वित्त वर्ष के भीतर इन दोनों कंपनियों को सूचीबद्ध करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। |