पंजाब में लेबर संकट पैदा हो रहा है। (फाइल फोटो)
मुनीश शर्मा, लुधियाना। पंजाब के औद्योगिक सेक्टर में इन दिनों लेबर की भारी किल्लत देखने को मिल रही है, जिसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ रहा है। उद्योग संगठनों के अनुसार कई यूनिट्स में उत्पादन 30 प्रतिशत तक घट चुका है। खासकर इंजीनियरिंग, साइकिल इंडस्ट्री, ऑटो पार्ट्स और हैंड-टूल सेक्टर इस संकट से सबसे अधिक प्रभावित हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उद्योगपतियों का कहना है कि बिहार विधानसभा चुनाव के चलते बड़ी संख्या में श्रमिक अपने गृह राज्य लौट गए थे, लेकिन चुनाव समाप्त होने के बावजूद अब तक उनकी वापसी नहीं हो पाई है। पंजाब के उद्योगों में कार्यरत कुल लेबर का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा बिहार से संबंधित बताया जा रहा है। ऐसे में उनकी अनुपस्थिति ने उत्पादन व्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है।
स्थिति को और गंभीर बनाने वाला एक कारण मौजूदा शादी-ब्याह का सीजन भी है। इस दौरान श्रमिक अपने निजी कार्यों के चलते लंबी छुट्टियां ले लेते हैं। वहीं कई श्रमिक अब पंजाब लौटने के बजाय अपने गृह राज्यों में ही रोजगार को प्राथमिकता दे रहे हैं। उद्योग जगत का मानना है कि बिहार, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में तेजी से हो रहे विकास और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर मिलने से श्रमिकों का पलायन रुक गया है, जिसका असर पंजाब की इंडस्ट्री पर साफ दिखाई दे रहा है।
यह भी पढ़ें- पंजाब में महिला दोस्त ने युवक को घर बुलाकर बनाया बंधक, कपड़े उतार कर क्लिक किए अश्लील फोटो; फिर ब्लैकमेल कर ऐंठे पैसे
स्किल्ड लेबर बड़ी चुनौती
फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रियल एवं कमर्शियल ऑर्गेनाइजेशन (फीको) के प्रधान गुरमीत सिंह कुलार के अनुसार समस्या सिर्फ संख्या की नहीं, बल्कि स्किल्ड लेबर की कमी सबसे बड़ी चुनौती बन चुकी है। कई उद्योगों में मशीनों पर काम करने के लिए प्रशिक्षित श्रमिकों की जरूरत होती है, लेकिन अनस्किल्ड लेबर से काम कराने पर गुणवत्ता और समय दोनों प्रभावित हो रहे हैं। इससे न केवल उत्पादन लागत बढ़ रही है, बल्कि डिलीवरी शेड्यूल भी बिगड़ रहा है, जिससे बाजार में प्रतिस्पर्धा पर असर पड़ रहा है।
निटवियर क्लब के प्रधान विनोद थापर ने कहा कि यदि स्थिति जल्द नहीं सुधरी, तो आने वाले महीनों में ऑर्डर पूरे करना और भी मुश्किल हो सकता है। खासकर एक्सपोर्ट से जुड़े यूनिट्स पर इसका ज्यादा दबाव है, क्योंकि समय पर सप्लाई न होने से अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों का भरोसा कमजोर हो सकता है।
यह भी पढ़ें- दुबई भेजने के नाम पर 3.30 लाख की ठगी, इमिग्रेशन सेंटर संचालक पर केस दर्ज
पंजाब के युवाओं को स्किल्ड डवेलेपमेंट से जोड़ने की मांग
उद्योग संगठनों ने राज्य सरकार से इस समस्या पर गंभीरता से ध्यान देने की मांग की है। उनका सुझाव है कि स्थानीय युवाओं को स्किल डेवलपमेंट के जरिए उद्योगों से जोड़ा जाए और माइग्रेंट लेबर को वापस लाने के लिए विशेष पहल की जाए। इसके साथ ही श्रमिकों के लिए आवास, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी सुविधाओं को बेहतर बनाने की जरूरत पर भी जोर दिया गया है।
कुल मिलाकर लेबर शार्टेज पंजाब के उद्योगों के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो इसका असर न केवल उत्पादन बल्कि राज्य की औद्योगिक अर्थव्यवस्था पर भी लंबे समय तक देखने को मिल सकता है।
यह भी पढ़ें- बठिंडा में रिश्ते हुए तार तार... प्रवासी मजदूर ने अपनी सगी नाबालिग बहन से किया दुष्कर्म |