हार्ट अटैक का बढ़ता जोखिम (प्रतीकात्मक चित्र)
डिजिटल डेस्क, इंदौर। अब तक यह माना जाता रहा है कि यदि लिपिड प्रोफाइल यानी कोलेस्ट्रोल की रिपोर्ट सामान्य है, तो दिल की बीमारी का खतरा कम होता है। लेकिन शहर के सरकारी और निजी अस्पतालों में सामने आ रहे ताजा आंकड़े इस सोच को गलत साबित कर रहे हैं। हाल के महीनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें एलडीएल, एचडीएल और ट्राइग्लिसराइड स्तर सामान्य होने के बावजूद मरीजों को अचानक हार्ट अटैक आया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ पारंपरिक कोलेस्ट्रोल जांच के आधार पर हार्ट अटैक के जोखिम का सही आकलन संभव नहीं है। इसके पीछे कई ऐसे “छुपे हुए रिस्क फैक्टर” होते हैं, जो सामान्य लिपिड प्रोफाइल रिपोर्ट में सामने नहीं आते, लेकिन दिल के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं।
छुपे खतरे जो बढ़ा रहे जोखिम
विशेषज्ञों के अनुसार एपोलिपोप्रोटीन-बी और लाइपोप्रोटीन-ए जैसे तत्व धमनियों में प्लाक बनने की प्रक्रिया को तेज करते हैं। यही प्लाक अचानक ब्लॉकेज बनकर हार्ट अटैक का कारण बन सकते हैं।
इसके अलावा अनुवांशिक कारण, मधुमेह, मोटापा, धूम्रपान, अत्यधिक मानसिक तनाव, नींद की कमी, शारीरिक निष्क्रियता और वायु प्रदूषण भी हृदय रोग के प्रमुख कारण बनते जा रहे हैं।
केस-1: रिपोर्ट सामान्य, फिर भी हार्ट अटैक
शहर के 42 वर्षीय आईटी प्रोफेशनल नियमित हेल्थ चेकअप कराते थे। तीन माह पहले आई उनकी लिपिड प्रोफाइल पूरी तरह सामान्य थी। खुद को फिट मान रहे इस व्यक्ति को अचानक सीने में तेज दर्द हुआ। अस्पताल में जांच के बाद हार्ट अटैक की पुष्टि हुई। विस्तृत जांच में लाइपोप्रोटीन-ए का स्तर काफी अधिक पाया गया।
केस-2: न मोटापा, न हाई कोलेस्ट्रोल
50 वर्षीय एक गृहिणी न तो मोटापे से ग्रसित थीं और न ही उन्हें कोलेस्ट्रोल की कोई शिकायत थी। सुबह टहलते समय अचानक चक्कर आने पर वे गिर पड़ीं। अस्पताल पहुंचने पर पता चला कि उन्हें हार्ट अटैक आया है। जांच में एपोलिपोप्रोटीन-बी का स्तर बढ़ा हुआ मिला, जबकि लंबे समय से मानसिक तनाव भी एक बड़ा कारण रहा।
हर व्यक्ति के लिए एक जैसा मानक नहीं
विशेषज्ञों का कहना है कि सभी लोगों के लिए कोलेस्ट्रोल का एक ही “नॉर्मल लेवल” तय नहीं किया जा सकता। लिपिड एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने अलग-अलग जोखिम समूहों के लिए अलग लक्ष्य निर्धारित किए हैं।
मधुमेह रोगी, धूम्रपान करने वाले और पहले से हृदय रोग झेल चुके लोगों के लिए कोलेस्ट्रोल के मानक सामान्य व्यक्ति से अलग होते हैं।
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इन लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत
- जिनके परिवार में कम उम्र में हार्ट अटैक का इतिहास रहा हो
- मधुमेह या उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोग
- धूम्रपान या तंबाकू सेवन करने वाले
- अत्यधिक तनाव, मोटापा या नींद की कमी से जूझ रहे लोग
दिल को सुरक्षित रखने के 5 मंत्र
- आहार: तला-भुना और प्रोसेस्ड फूड कम करें
- विहार: रोज कम से कम 30 मिनट शारीरिक गतिविधि
- विचार: तनाव प्रबंधन और सकारात्मक सोच
- आचार: नशे से दूरी और अनुशासित दिनचर्या
- व्यवहार: पर्याप्त नींद और बेहतर वर्क–लाइफ बैलेंस
विशेषज्ञों की राय
कोलेस्ट्रोल हार्ट अटैक का एक जोखिम कारक है, लेकिन अकेला कारण नहीं। अलग-अलग मरीजों के लिए अलग लक्ष्य तय किए गए हैं। लाइपोप्रोटीन-ए के लिए जल्द दवाएं भी आने वाली हैं।
— डा. एडी भटनागर, हृदय रोग विशेषज्ञ
सामान्य कोलेस्ट्रोल होने पर भी हार्ट अटैक संभव है। यह कई जोखिमों के मेल से होता है। बचाव के लिए कंप्लीट लिपिड प्रोफाइल और स्वस्थ जीवनशैली जरूरी है।
— डा. अनिरुद्ध व्यास, हृदय रोग विशेषज्ञ |