चांदी ₹2.50 लाख पार! एक दिन में ही ₹19700 की बंपर तेजी; चीन के फैसले से बाजार में क्यों आया भूचाल? 4 बड़े कारण
Silver Price Today: पिछले कुछ दिनों में चांदी की कीमतों में ऐतिहासिक तेजी देखने को मिल रही है। हालात ऐसे हैं कि चांदी एक ही दिन में 19 हजार रुपए से ज्यादा महंगी हो रही है। शनिवार, 27 दिसंबर को इंदौर के सर्राफा बाजार में चांदी 19,700 रुपए उछलकर 2,53,000 रुपए (Silver Price Crosses 2.50 Lakh) प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गई। MCX के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2025 में अब तक चांदी 150 फीसदी (Silver Price Hike) से ज्यादा चढ़ चुकी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चांदी का भाव 75 डॉलर प्रति औंस (Silver Price All Time High) के पार निकल गया है। खास बात यह है कि यह तेजी डर या सट्टेबाजी की वजह से नहीं है। बाजार में चांदी की फिजिकल सप्लाई की कमी और इंडस्ट्रियल डिमांड मजबूत होने से दाम लगातार ऊपर जा रहे हैं। यही वजह है कि यह रैली बेहद अहम मानी जा रही है।
चांदी में तेजी की सबसे बड़ी 4 वजहें क्या हैं? (Silver price hike reason)
1. स्ट्रक्चरल डेफिसिट यानी मांग सप्लाई से ज्यादा
चांदी कई सालों से स्ट्रक्चरल डेफिसिट में है। उद्योग रिपोर्ट्स के मुताबिक 2025 में वैश्विक बाजार में 100 मिलियन औंस से ज्यादा की कमी रह सकती है। यह कमी जल्दी पूरी नहीं हो सकती, क्योंकि चांदी का बड़ा हिस्सा कॉपर, जिंक और लेड की खदानों से बाय-प्रोडक्ट के रूप में निकलता है। यानी सप्लाई बढ़ाने की आज़ादी सीमित है। ऊपर से, नई खदान शुरू होने में 10 साल से ज्यादा लग जाते हैं।
2. गोदामों में स्टॉक घटता जा रहा है
अंतरराष्ट्रीय बाजार (COMEX), लंदन और शंघाई जैसे बड़े वॉल्ट्स में इन्वेंट्री लगातार घट रही है। स्टॉक कम होते ही फिजिकल चांदी की उपलब्धता तंग पड़ती है। नतीजा- खरीदार पेपर कॉन्ट्रैक्ट की बजाय असल चांदी लेने की ओर बढ़ते हैं। इससे पेपर प्राइस और डिलीवरी के बीच दूरी और बढ़ती है।
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3. इंडस्ट्रियल डिमांड बेहद मजबूत
आज चांदी की 50-60% मांग उद्योगों से आती है- खासकर सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक व्हीकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और मेडिकल में। सोलर सेक्टर में चांदी का विकल्प सीमित है, इसलिए इसे आसानी से बदला नहीं जा सकता। ग्रीन एनर्जी पर बढ़ते खर्च ने मांग को और टिकाऊ बनाया है।
4. चीन फैक्टर: एक्सपोर्ट कंट्रोल की आशंका
चर्चा है कि चीन 1 जनवरी 2026 से चांदी के निर्यात पर सख्ती कर सकता है। दावा है कि चीन सरकार चांदी के एक्सपोर्ट के लिए लाइसेंस सिस्टम लागू कर सकती है, यानी बिना सरकारी अनुमति चांदी बाहर नहीं भेजी जा सकेगी। चीन दुनिया के बड़े चांदी उत्पादकों और प्रोसेसिंग हब में से एक है। ऐसे में अगर वहां से सप्लाई सीमित होती है, तो ग्लोबल मार्केट में उपलब्धता और घटेगी। यही डर निवेशकों और इंडस्ट्रियल खरीदारों को अभी से फिजिकल चांदी खरीदने पर मजबूर कर रहा है।
हालांकि अभी तक चीन की ओर से कोई आधिकारिक नोटिफिकेशन नहीं आया है, लेकिन आशंका भर ने ही बाजार में हलचल बढ़ा दी है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर ये पाबंदियां लागू हुईं, तो चांदी की सप्लाई पर दबाव और बढ़ेगा और कीमतों में तेजी लंबे समय तक बनी रह सकती है।
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आगे क्याः निवेश करें या फिर नहीं?
मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि यह तेजी बिना आधार की नहीं है। फिस्कल दबाव, महंगाई की चिंता और रियल एसेट्स की मांग चांदी को सपोर्ट दे रही है। हालांकि, चांदी का स्वभाव तेज है। शॉर्ट टर्म में उतार-चढ़ाव संभव है। 2026 में दाम 80 डॉलर प्रति औंस के करीब पहुंच सकते हैं। |