पटना की सड़कों पर खुले हैं मैनहोल, निगम कार्यालय में खड़ी रहती एंबुलेंस

cy520520 2025-12-28 10:26:59 views 557
  



जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी की सड़कों पर चलना दिनोंदिन जोखिम भरा होता जा रहा है। कई क्षेत्रों में खुले और क्षतिग्रस्त मैनहोल राहगीरों और वाहन चालकों के लिए गंभीर खतरा बने हुए हैं। कभी भी कोई व्यक्ति मैनहोल में गिर सकता है या वाहन फंसने से बड़ा हादसा हो सकता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

मैनहोल की समस्या से निपटने के लिए नगर निगम ने एंबुलेंस सेवा और टोल-फ्री नंबर की व्यवस्था तो की, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका उपयोग और असर नजर नहीं आ रहा है। हालात यह है कि मैनहोल एंबुलेंस सड़कों पर सक्रिय होने के बजाय अधिकतर मौर्यलोक काम्प्लेक्स स्थित नगर निगम कार्यालय परिसर में खड़ी दिखाई देती है।

शनिवार को राजधानी के कई क्षेत्रों में खुले और क्षतिग्रस्त मैनहोल लोगों के लिए परेशानी के साथ गंभीर खतरे का कारण बने नजर आए। राजीव नगर मुख्य पथ पर रोड नंबर 10 के पास मैनहोल खुले होने से राहगीरों और वाहन चालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं, रोड नंबर 17 में भी जगह-जगह खुले मैनहोल दिखे, जिससे स्थानीय लोगों में नाराजगी है।

इसके अलावा इंद्रपुरी रोड नंबर दो, छज्जूबाग, एजी कालोनी हनुमान नगर सहित अन्य सड़कों पर भी खुले और टूटे मैनहोल हैं। दिन के समय लोग किसी तरह सतर्कता बरतकर निकल जाते हैं, लेकिन रात के अंधेरे में हादसे की आशंका कई गुना बढ़ जाती है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि मैनहोल की समस्या का स्थायी समाधान अब तक नहीं हो पाया है। कई जगहों पर ढक्कन बदलने के कुछ ही दिनों बाद दोबारा क्षतिग्रस्त हो जाना नगर निगम की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है, जिससे रोजमर्रा की आवाजाही जोखिम भरी बनी हुई है।

गौरतलब है कि खुले और टूटे मैनहोल से होने वाली दुर्घटनाओं पर रोक के उद्देश्य से नगर निगम ने इसी साल जुलाई में मैनहोल एंबुलेंस सेवा की शुरुआत की थी। दावा किया गया था कि यह सेवा शहर के सभी 75 वार्डों में आन-डिमांड आधार पर कार्य करेगी।

शिकायत मिलते ही कंट्रोल रूम से संबंधित अंचल की एंबुलेंस को मौके पर भेजने की व्यवस्था की गई थी। इसे क्विक रिस्पांस टीम की तर्ज पर संचालित करने की योजना थी, ताकि खासकर मानसून के दौरान बढ़ने वाली शिकायतों का त्वरित समाधान हो सके।

नगर निगम ने 48 घंटे के भीतर मैनहोल मरम्मत का लक्ष्य भी निर्धारित किया था। आम नागरिकों के लिए टोल-फ्री नंबर 155304 जारी किया गया, वहीं वाट्सएप चैटबाट 9264447449 के माध्यम से भी शिकायत दर्ज कराने की सुविधा दी गई। बावजूद इसके सड़कों पर खुले मैनहोल की समस्या जस की तस बनी हुई है।
नई तकनीक से मैनहोल ढक्कन की समस्या का होगा स्थायी समाधान : नगर आयुक्त

नगर आयुक्त यशपाल मीणा कहते हैं, अंचल स्तर पर गठित काम्बैट सेल मैनहोल, स्ट्रीट लाइट, आवारा कुत्तों सहित नगर निगम से जुड़ी सभी प्रकार की शिकायतें प्राप्त कर त्वरित रूप से संबंधित विभाग तक पहुंचाता है। इंजीनियरिंग से जुड़े मामलों में सीधे इंजीनियरों को सूचना दी जाती है, ताकि मौके पर ही आवश्यक सुधार कार्य कराया जा सके। मैनहोल एंबुलेंस सेवा को फिर से सक्रिय किया जा रहा है।

इसके तहत एंबुलेंस में मैकेनिकों की अलग टीम तैनात होगी और उसमें पहले से मैनहोल के ढक्कन रखे जाएंगे। शिकायत मिलते ही टीम तुरंत स्थल पर पहुंचकर ढक्कन बदल सकेगी। नगर आयुक्त ने कहा कि बार-बार मैनहोल ढक्कन टूटने की समस्या को देखते हुए अब नई तकनीक अपनाने पर विचार किया जा रहा है, ताकि भारी वाहनों के दबाव से नुकसान न हो।

कुछ क्षेत्रों में नई तकनीक के मैनहोल ढक्कन लगाए गए हैं, जो डेढ़ साल से अधिक समय से सुरक्षित और मजबूत बने हुए हैं। ये ढक्कन देखने में भी बेहतर हैं और आवश्यकता के अनुसार, गोल या आयताकार आकार में तैयार किए जा सकते हैं। इस संबंध में प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी, ताकि अनावश्यक खर्च और बार-बार होने वाली परेशानी पर प्रभावी रोक लगाई जा सके।
इस साल मैनहोल से संबंधित शिकायतों का विवरण

    माध्यम प्राप्त शिकायतें समाधान
   
   
   हेल्पलाइन
   489
   366
   
   
   वाट्सएप चैटबॉट
   635
   493
   
   
   कुल
   1124
   859
  
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