प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में विकास से जुड़ी परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण के रास्ते में एक बड़ा अवरोध सामने आया है।
विभाग की ओर से जमीन की मांग की जाती है। अधिग्रहण भी हो जाता है। लेकिन, समय पर मुआवजे की राशि का भुगतान नहीं होता है। विभागीय समीक्षा के बाद राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव सीके अनिल ने शनिवार को इस संबंध में जिलों से रिपोर्ट मांगी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
रिपोर्ट में बताना है कि किसी जिले में जमीन अधिग्रहण के एवज में कितनी राशि की जरूरत है। संबंधित विभाग की ओर से अब तक कितनी राशि दी गई है। आज की तिथि में किस विभाग के पास इस मद में कितना रुपया बाकी है।
प्रधान सचिव की ओर से कई निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने 20 जिलों में उद्योग विभाग की ओर से चल रही भू-अर्जन की कार्रवाई को तेज करने के लिए कहा है। प्रधान सचिव ने निर्देश दिया है कि लैंड बैंक के लिए जमीन अधिग्रहण को प्राथमिकता सूची में रखा जाए।
समीक्षा बैठक में बताया गया कि जिलों में जमीन अधिग्रहण मद में राशि पड़ी हुई भी है। ऐसे मामलों की रिपोर्ट मांगी गई। कहा गया कि अगर यह लग रहा है कि राशि खर्च करने की जरूरत नहीं है तो उसे तुरंत संबंधित विभाग को लौटाया जाए।
प्रधान सचिव ने कहा कि हर एक जिले में जमीन अधिग्रहण के लिए नियमित बैठक हो। इसके लिए मंगलवार का दिन निर्धारित किया गया है। बैठक में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अलावा उन विभागों के अधिकारी भी शामिल होंगे, जिनके लिए जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है।
जमीन अधिग्रहण के बाद मुआवजे के भुगतान से जुड़ी शिकायतों की सुनवाई के लिए शुक्रवार और शनिवार का दिन निर्धारित किया गया है। |