प्रतीकात्मक चित्र
संवाद सूत्र, जागरण, बिलसंडा (पीलीभीत)। भूमि हड़पने के लिए छोटे भाई की हत्या करने के आरोपित मझले भाई नक्षत्रपाल और उसकी पत्नी राधा देवी को पुलिस ने शनिवार को जेल भेज दिया। तीसरे हत्यारोपित ज्ञानेंद्र की तलाश करने के लिए दो टीमों को गठित किया गया। आरोपित ने कबूलनामा में बताया कि ननिहाल से उसके नाम साढ़े आठ बीघा जमीन मिल गई थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मेरा छोटा भाई हंसराज आए दिन अपना हिस्सा मांगता था। इसी बात को लेकर मेरी कहा सुनी हो गई । 14 दिसंबर को छोटे भाई को बाजार बनी मंडी से घर लाया था। उसे समझा बुझा रहा था। इसी दौरान गुस्सा आ गया और मेरी पत्नी ने हंसराज के पैर पकड़ लिए और बेटे ज्ञानेंद्र ने उसके दोनों हाथ पकड़ लिए और मैंने लाठी से उसके ऊपर कई प्रहार किये गये, जिससे उसकी मौत हो गई।
घबराने के बाद मैंने अपने भाई के शव को मेरे लड़के और पत्नी ने अधबने कमरे में गड्ढा खोदकर दफना दिया और फरार हो गया। करेली थाना क्षेत्र के गांव लिलहर निवासी मायादेवी की 20 वर्ष पहले ही मृत्यु हो चुकी इसलिए साढ़े आठ बीघा भूमि का बंटवारा तीनों बेटों पृथ्वी सिंह, नक्षत्रपाल व हंसराज में होना था।
बंटवारा न होने की वजह से भूमि पर कब्जा नक्षत्रपाल का ही था। कुछ वर्षों से पृथ्वी सिंह अपने छोटे भाई हंसराज के साथ भमरूआ गांव में बस गए। मझला भाई नक्षत्रपाल लिलहर में ही रहता है। हंसराज 12 दिसंबर को नक्षत्रपाल के घर पहुंचा। वहां नक्षत्रपाल ने अपने बेटे ज्ञानेंद्र की मदद से हंसराज की हत्या 14 दिसंबर की रात को लाठी से कई प्रहार करके कर दी।
इसके बाद शव आंगन में गड्ढे में दबा दिया। बड़े भाई पृथ्वी सिंह की शिकायत पर शुक्रवार सुबह पुलिस ने पूछताछ की तो उसने घटनाक्रम स्वीकार लिया। उसकी निशानदेही पर घर में दबाया गया हंसराज का शव गड्ढे से निकाला गया। पुलिस ने एकराय होकर हत्या करने और साक्ष्य छिपाने समेत अन्य धाराओं में भाई नक्षत्रपाल, भाभी राधा देवी और भतीजे ज्ञानेंद्र के विरुद्ध प्राथमिकी पंजीकृत कर ली।
करेली थाना प्रभारी विपिन शुक्ला ने बताया कि हत्यारोपित भाई, उसकी पत्नी को जेल भेज दियागया। ज्ञानेंद्र की गिरफ्तारी के लिए तीन टीमों को लगाया गया। हत्या में प्रयुक्त लाठी भी बरामद कर ली गई।
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