राजीव बाजपेयी, लखनऊ। विशेष सघन पुनरीक्षण के बाद 12 लाख वोटरों के सूची से बाहर होने से कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ही नही सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के खेमे में भी हलचल है। सत्ताधारी दल को चिंता इस बात की है कि जहां उनका मजबूत जनाधार है वहां पर ही सबसे कम डिजिटाइजेशन हुआ है। शहरी विधानसभा की पांच में किसी भी सीट पर डिजिटाइजेशन 70 प्रतिशत भी नहीं पहुंचा जो दूसरे दलों के साथ ही भाजपा के लिए भी परेशानी का कारण बना है।
चार नवंबर से शुरू हुआ विशेष सघन पुनरीक्षण 26 दिसंबर तक चला। इस दौरान आयोग ने दो बार तिथियां आगे बढ़ाईं। लखनऊ में सवा पांच लाख विस्थापित और सवा चार लाख लापता वोटर पाए गए। इसके अलावा डुप्लीकेट और मृतक वोटरों की संख्या भी दो लाख के ऊपर पहुंच गई। इस तरह लखनऊ में एसआइआर के बाद 69.85 प्रतिशत फार्मों का डिजिटाइजेशन पूरा हो पाया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
शहरी विधानसभा क्षेत्रों कैंट, मध्य, उत्तर, पूर्व और मध्य में काफी कम संख्या में डिजिटाइजेशन हो पाया। शहर की इन पांच में से तीन पर भाजपा के विधायक हैं। कैंट से उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक हैं तो पूर्व में ओपी श्रीवास्तव। उत्तर विधानसभा में डा नीरज बोरा विधायक हैं। इन सीटों पर तो 35 से 40 प्रतिशत तक वोटर कम हुए हैं।
शहर की दो सीटों पर सपा है। मध्य में डा रविदास मेहरोत्रा और पश्चिम सीट से सपा के ही अरमान खान विधायक हैं। निर्वाचन अधिकारियों का कहना है कि शहरी इलाकों में मतदाताओं का रुख एअआइआर को लेकर काफी उदासीन दिखी। फार्म कलेक्शन में काफी दिक्कतें आईं।
बीएलओ के फार्म पहुंचाने के बाद तमाम लोग जमा करने से कतराते रहे।यही वजह है कि शहर के खास इलाकों में एसआइआर के बाद जो आंकड़े हैं वह उत्साहजनक नहीं हैं। अंदरखाने भाजपा के नेता भी वोटरों के बाहर होने से फिक्रमंद हैं। दरअसल इन सभी इलाकों में भाजपा का सबसे अधिक जनाधार है। बड़ी संख्या में वोटर हटने से कहीं पार्टी को भी नुकसान नहीं हो इस पर गुणा गणित चल रहा है।
लखनऊ मध्य और पश्चिम दो ऐसी सीटों हैं जिन पर सपा का कब्जा है और जनाधार भी है। इन सीटों पर भी 35 प्रतिशत तक वोटर कम हुए हैं सपा महानगर अध्यक्ष फाकिर सिददीकी का कहना है कि हम लोग तो पहले ही इस बात की आशंका जता रहे थे।आयोग ने मनमाने तरीके से वोटरों को बाहर किया है। शीर्ष स्तर से जो भी निर्देश मिलेंगे उसके अनुसार आगे बात की जाएगी। शहर कांग्रेस भी अब जनाधार घटने की आशंका से आयोग पर हमलावर है। शहर अध्यक्ष अमित श्रीवास्तव का कहना है कि भाजपा के लिए फील्डिंग सेट की जा रही है। मतदाताओं काे फार्म भरने से रोका गया।
एसआइआर के बाद मतदाता
- मलिहाबाद - 82.54 प्रतिशत
- बीकेटी -77.66 प्रतिशत
- सरोजनीनगर- 68.44 प्रतिशत
- पश्चिम - 69.80 प्रतिशत
- उत्तर - 61.46 प्रतिशत
- पूर्व - 62.99 प्रतिशत
- मध्य - 65.25 प्रतिशत
- कैंट - 60.75 प्रतिशत
- मोहनलालगंज- 82.99 प्रतिशत
कुल 69.85 प्रतिशत
एसआइआर से पहले मतदाता सूची
- मलिहाबाद - 367187
- बीकेटी -491575
- सरोजनीनगर- 596028
- पश्चिम - 465982
- उत्तर - 493697
- पूर्व - 460031
- मध्य - 370656
- कैंट - 364334
- मोहनलालगंज- 357859
कुल 3967349
हटे वोटर
- मृतक : 1.27 लाख
- विस्थापित : 5.32 लाख
- लापता : 4.28 लाख
- डुप्लीकेट : 50 हजार
- अन्य : 60 हजार
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