धनबाद के पास अगले 150 वर्षों तक खनन के लिए पर्याप्त कोयले का भंडार। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, धनबाद। भारत की ऊर्जा राजधानी कहे जाने वाले धनबाद के भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के पास अगले 150 वर्षों तक खनन के लिए पर्याप्त कोयले का भंडार मौजूद है।
यह न केवल धनबाद की अर्थव्यवस्था, बल्कि पूरे देश की ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। बीसीसीएल मौजूदा समय में 40 मिलियन टन कोयला का उत्पादन करता है। जिसका अनुमानित भंडार करीब 20 बिलियन टन है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
झरिया के कोयला क्षेत्रों में दशकों से लगी भूमिगत आग एक बड़ी चुनौती रही है। बीसीसीएल प्रबंधन अब इस बहुमूल्य राष्ट्रीय संपत्ति को बचाने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहा है। डी कोल के साथ नई तकनीकों का मशीन का उपयोग कर खनन करने की नीति पर अस्ट्रेलिया, जापान के साथ भी मिलकर काम कर रही है।
इसको लेकर कोल इंडिया व सीएमपीडीआइ की टीम को भी लगाया गया है। प्रधानमंत्री ने 2047 के विकसित भारत को लेकर बीसीसीएल पर बड़ी जबावदेही दी है। इसकी लेकर सीधे पीएमओ कार्यालय से निगरानी रखी जा रही है।
आग को नियंत्रित करने और कोयले को जलने से बचाने के लिए फिलहाल ट्रेंच कटिंग सतही सीलिंग और नाइट्रोजन फोम इंजेक्शन जैसी अत्याधुनिक तकनीकों पर काम हो रहा है।
आग प्रभावित क्षेत्रों से कोयला निकालने के लिए सुरक्षित और वैज्ञानिक तरीकों को प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि पर्यावरण को कम से कम नुकसान हो।
कोकिंग कोल का उच्च भंडार और आत्मनिर्भर भारत
बीसीसीएल के पास मौजूद भंडार में कोकिंग कोल की मात्रा काफी अधिक है। कोकिंग कोल का उपयोग मुख्य रूप से स्टील (इस्पात) उत्पादन में होता है। वर्तमान में भारत को अपनी स्टील इंडस्ट्री के लिए बड़ी मात्रा में कोकिंग कोल विदेश से आयात करना पड़ता है।
बीसीसीएल में 150 साल का स्टाक होने का मतलब है कि आने वाले समय में भारत की विदेशी मुद्रा बचेगी और हम कोयला क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेंगे।
रोजगार के नए अवसर और आर्थिक विकास
कोयला खनन की लंबी अवधि (150 वर्ष) सुनिश्चित होने से स्थानीय स्तर पर खुशहाली आएगी। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार नए माइनिंग प्रोजेक्ट्स शुरू होने से हजारों युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते खुलेंगे। इसके साथ ही ट्रांसपोर्टेशन, मशीनरी रिपेयरिंग और छोटे व्यवसायों को भी इस विस्तार से जबरदस्त फायदा मिलेगा।
बीसीसीएल के पास 150 साल तक कोयला खनन करने का भंडार है। तकनीकी विकसित होते जाएगी, खनन का लेबल भी बढ़ेगा। काफी गहराई तक कोयला का भंडार है। उस गहराई तक कोयला खनन को लेकर भी तैयारी है। मौजूदा समय में बीसीसीएल का स्कोप काफी बेहतर है। बीसीसीएल बेहतर करेगा, धनबाद ही नहीं इसका लाभ देश को होगा। -मनोज कुमार अग्रवाल, सीएमडी बीसीसीएल |