क्या विटामिन B12 का ज्यादा सेवन आपकी किडनी के लिए खतरनाक है? (Image Source: AI-Generated)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आजकल Vitamin-B12 को एक \“मैजिक पिल\“ की तरह देखा जाता है। थकान मिटानी हो, याददाश्त बढ़ानी हो या बस शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखना हो- लोग आंख मूंदकर सप्लीमेंट्स और इंजेक्शन का सहारा ले रहे हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिस विटामिन को आप सेहत का वरदान समझ रहे हैं, वह आपके शरीर के सबसे वफादार \“सफाई कर्मचारी\“ यानी आपकी किडनी के लिए एक अदृश्य बोझ बन सकता है? सप्लीमेंट की इस दौड़ में शामिल होने से पहले, अपनी किडनी की सुरक्षा से जुड़ी ये 5 बातें जरूर जान लें। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
किडनी और B12 का गहरा संबंध
कनाडा में हुई एक रिसर्च ने चौंकाने वाले परिणाम दिखाए हैं। दरअसल, इस अध्ययन में किडनी की बीमारी से जूझ रहे डायबिटीज के मरीजों को B12 और B6 की भारी खुराक दी गई। परिणाम यह रहा कि उनकी किडनी की कार्यक्षमता दूसरों के मुकाबले तेजी से गिरने लगी। इसका मतलब यह नहीं कि B12 सबके लिए बुरा है, लेकिन यह उन लोगों के लिए खतरे की घंटी है जिन्हें पहले से किडनी की कोई समस्या है।
जरूरत से ज्यादा खुराक है चिंता का विषय
आमतौर पर हमारे शरीर को रोजाना सिर्फ 2.4 माइक्रोग्राम (mcg) विटामिन B12 की जरूरत होती है, लेकिन बाजार में मिलने वाले सप्लीमेंट्स में इसकी मात्रा 500 mcg से 1000 mcg तक होती है।
स्वस्थ शरीर फालतू विटामिन को यूरिन के जरिए बाहर निकाल देता है, लेकिन जिनकी किडनी कमजोर है, उनका \“फ्लश आउट\“ सिस्टम ठीक से काम नहीं करता। नतीजतन, यह पोषक तत्व खून में जमा होने लगता है जो सेहत के लिए अच्छा नहीं है। सप्लीमेंट लेने से पहले ब्लड टेस्ट कराना हमेशा बेहतर होता है।
बिना डॉक्टरी सलाह के B12 इंजेक्शन
आजकल थकान मिटाने या चमकती त्वचा के लिए B12 इंजेक्शन लगवाना एक ट्रेंड बन गया है। लोग बिना डॉक्टरी सलाह के इन्हें लगवा रहे हैं। ध्यान रखें कि इंजेक्शन सीधे आपके खून में पहुँचता है और पाचन तंत्र को बायपास कर देता है। अगर बढ़ती उम्र, डायबिटीज या हाई बीपी के कारण आपकी किडनी पर पहले से दबाव है, तो इंजेक्शन की यह भारी डोज़ किडनी के लिए बड़ा तनाव पैदा कर सकती है।
सप्लीमेंट चुनने से पहले जानें ये जरूरी बातें
50 साल की उम्र के बाद शरीर की भोजन से विटामिन B12 सोखने की क्षमता कम होने लगती है। साथ ही, इसी उम्र में किडनी की कार्यक्षमता भी प्राकृतिक रूप से कम होती है। ऐसे में बुजुर्गों को सप्लीमेंट की डोज बहुत सोच-समझकर तय करनी चाहिए। भारी गोलियों के बजाय डॉक्टर की सलाह पर कम डोज वाली टैबलेट या फोर्टिफाइड फूड का चुनाव करना ज्यादा सुरक्षित हो सकता है।
क्या विटामिन C और B12 साथ लेना सही है?
कई बार हम दूसरी बीमारियों की दवाएं ले रहे होते हैं जो B12 के साथ मिलकर अलग असर दिखाती हैं:
- डायबिटीज और एसिडिटी की दवाएं: मेटफॉर्मिन और एंटासिड जैसी दवाएं शरीर में B12 के लेवल को प्रभावित करती हैं।
- विटामिन C: अगर आप विटामिन B12 के साथ भारी मात्रा में विटामिन C लेते हैं, तो यह B12 के सोखने की प्रक्रिया में बाधा डाल सकता है। बिना सोचे-समझे गोलियों का कॉम्बिनेशन बनाने से बचें।
विटामिन B12 सेहत के लिए जरूरी है, लेकिन “ज्यादा मतलब बेहतर“ वाला फॉर्मूला यहां काम नहीं करता। अपनी दवाओं, डाइट और किडनी की सेहत को ध्यान में रखकर ही कोई भी नया सप्लीमेंट शुरू करें।
Source: JAMA
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