तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण- एसआइआर अभियान के तहत गोरखपुर जिले में गणना प्रपत्रों के भरे जाने और उनके डिजिटाइजेशन के बाद अब मैपिंग का कार्य आखिरी चरण में है। अब तक वर्ष 2003 की मतदाता सूची से 84 प्रतिशत मतदाताओं की सफलतापूर्वक मैपिंग हो चुकी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इन मतदाताओं को कोई भी प्रमाण देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जिले में 92 प्रतिशत मैपिंग के साथ खजनी और चौरीचौरा विधानसभा क्षेत्र सबसे आगे है। वहीं ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 26 और शहर में 22 प्रतिशत ऐसे मतदाता है जिनकी मैपिंग नहीं हो पाई है।
प्रदेश के कुछ जिलों में अभियान की प्रगति और फील्ड में आ रही चुनौतियों को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने गणना प्रपत्र भरने और उसके डिजिटाइजेशन की अंतिम तिथि 11 दिसंबर से बढ़ाकर 26 दिसंबर कर दी है। इसके साथ ही निर्वाचक नामावली के आलेख्य प्रकाशन की तिथि भी 31 दिसंबर निर्धारित की गई है।
ऐसे में जिला प्रशासन का पूरा जोर अब सटीक मैपिंग और एएसडी (अनुपस्थित, शिफ्टेट, मृतक) वोटरों के दोबारा सत्यापन पर है। यद्यपि कि जिला प्रशासन का दावा है कि जिले में जो वोटर इस श्रेणी में चिह्नित किए गए हैं, दोबारा सत्यापन में बहुत कम ही ऐसे मिल रहे, जो उपस्थित मिल रहे।
शनिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक मैपिंग लंबित है। यहां 2003 की मतदाता सूची से 26 प्रतिशत मतदाताओं की मैपिंग नहीं हो पाई है। शहर विधानसभा क्षेत्र में भी स्थिति बहुत बेहतर नहीं है, जहां 22 प्रतिशत लोगों का मिलान लंबित है।
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इसके विपरीत खजनी और चौरीचौरा विधानसभा का प्रदर्शन सबसे बेहतर है, जहां अब सिर्फ 8 प्रतिशत मतदाताओं की ही मैपिंग शेष है। इसी तरह बांसगांव और चिल्लूपार में 15-15 प्रतिशत मतदाताओं की मैपिंग नहीं हो पाई है।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी व एडीएम (वित्त एवं राजस्व) विनीत सिंह ने बताया कि ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं की मैपिंग कराने पर जोर है। जिनकी मैपिंग हो जा रही है। उन्हें किसी भी तरह के पहचान या प्रमाण पत्र देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। |