गाजियाबाद के पुलिसकर्मियों की फाइल फोटो।
विनीत कुमार, गाजियाबाद। कमिश्नरेट पुलिस में पुलिसकर्मियों की फायरिंग दक्षता और आपरेशनल क्षमता बढ़ाने के लिए जल्द ही आधुनिक शूटिंग रेंज बनाई जाएगी। इसके लिए जमीन की तलाश शुरू कर दी गई है। कमिश्नरेट पुलिस ने नगर निगम से डासना के आसपास जमीन मांगी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अधिकारियों का कहना है कि शूटिंग रेंज बनने से पुलिसकर्मियों को नियमित और वैज्ञानिक तरीके से हथियार चलाने का अभ्यास मिल सकेगा, जिससे कानून-व्यवस्था और आपात परिस्थितियों में उनकी कार्यक्षमता में सुधार होगा। प्रस्तावित शूटिंग रेंज पूरी तरह इनडोर होगी। इसमें 25 मीटर की दूरी से निशाना लगाने का अभ्यास कराया जाएगा।
फिलहाल जनपद में पुलिसकर्मियों के लिए कोई स्थायी शूटिंग रेंज उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण फायरिंग अभ्यास में दिक्कतें आती हैं। पुलिसकर्मियों को साल में एक बार नोएडा स्थित सीआरपीएफ कैंप में शूटिंग अभ्यास कराया जाता है। उसमें भी एक बार में करीब 80 पुलिसकर्मियों को भेजा जाता है। नई रेंज के बनने के बाद सभी पुलिसकर्मियों के लिए नियमित रूप से यहां अभ्यास करना अनिवार्य किया जाएगा।
डिजिटल शूटिंग रेंज भी बनेगी
नई सुविधा में पारंपरिक शूटिंग रेंज के साथ-साथ डिजिटल शूटिंग रेंज (वेपंस फायरिंग सिम्यूलेटर) भी विकसित की जाएगी। इस सिम्यूलेटर के जरिए पुलिसकर्मी बिना असली गोली चलाए कंप्यूटर स्क्रीन पर फायरिंग का अभ्यास कर सकेंगे। इसमें वास्तविक परिस्थितियों जैसी सेटिंग तैयार की जाएंगी, जैसे भीड़-भाड़ वाले इलाके, रात के हालात और गतिशील लक्ष्य।
पुलिसकर्मी निशाना साधकर ट्रिगर दबाते हैं और सिस्टम तुरंत बता देता है कि गोली कहां लगी और कितनी सटीक रही। कमिश्नरेट में चार लेन वाला सिम्यूलेटर खरीदा जाएगा, जिसमें एक साथ चार पुलिसकर्मी अभ्यास कर सकेंगे।
सिम्यूलेटर से मिलने वाला डेटा प्रशिक्षकों के लिए बेहद उपयोगी होगा, क्योंकि इससे प्रत्येक पुलिसकर्मी की कमजोरी, प्रतिक्रिया समय और निशाने की सटीकता का विश्लेषण किया जा सकेगा। शासन स्तर से इसके लिए करीब 57 लाख रुपये की धनराशि मंजूर की गई है।
आधुनिक पुलिसिंग के लिए प्रशिक्षण सबसे अहम है। शूटिंग रेंज और डिजिटल सिम्यूलेटर से पुलिसकर्मियों को रियल टाइम ट्रेनिंग मिलेगी, जिससे उनकी प्रोफेशनल क्षमता बढ़ेगी।
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जे रविंदर गौड, पुलिस आयुक्त |