दिल्ली पुलिस ने अपराधी को दबोच लिया। (सांकेतिक तस्वीर)  
 
  
 
  
 
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। डीयू के एक कॉलेज से बीए पास युवक ने सेंधमारी के दौरान अपनी पहचान छिपाने के लिए अपने चेहरे को नकाब से ढक लिया, लेकिन उसकी यह तरकीब काम नहीं आई। वारदात के बाद एक समय पुलिस के लिए भी नकाबपोश आरोपित के बारे में जानकारी जुटाना कठिन था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
लेकिन अंत में घटनाक्रम से जुड़े फुटेज खंगालते खंगालते पुलिस के हाथ उस स्कूटी का रजिस्ट्रेशन नंबर हाथ लग गया, जिससे आरोपित घटनास्थल पर आया था। इस नंबर को ट्रेस करते करते पुलिस आरोपित तक पहुंच गई।  
 
  
 
  
सितंबर में हुई थी घटना  
 
14 सितंबर को बाबा हरिदास नगर थाना में एक व्यक्ति ने शिकायत में पुलिस को बताया कि 13 सितंबर की रात उनके घर से गहने, इनवर्टर बैटरी और नकदी चोरी हो गई।  
 
इस मामले में थाने में ई-एफआईआर शिकायतकर्ता ने दर्ज कराई। द्वारका जिला पुलिस उपायुक्त अंकित सिंह के निर्देश पर, सेंधमारी निरोधक दस्ते के प्रभारी इंस्पेक्टर विवेक मैंडोला के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई।  
 
  
 
  
फुटेज में नजर आया स्कूटी का रजिस्ट्रेशन नंबर   
 
पुलिस ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसमें एक नकाबपोश व्यक्ति संदिग्ध रूप से रात में घूमता दिखाई दिया। पुलिस को वह स्कूटी भी नजर आया, जिसपर आरोपित आया था। फुटेज में दिख रही स्कूटी का रजिस्ट्रेशन नंबर ट्रेस करने पर पता चला कि यह बिंदापुर थाना क्षेत्र से चोरी की गई थी।  
 
स्कूटी की ट्रैकिंग के दौरान, पुलिस को दो दिन पहले उसी स्कूटी से लाल बत्ती तोड़ने की एक तस्वीर मिली, जिसमें चालक का चेहरा साफ दिख रहा था। इस सुराग के आधार पर संदिग्ध की पहचान अविनाश उर्फ विक्की के रूप में हुई।  
 
  
 
छानबीन के दौरान ही पुलिस ने दिचाऊं स्टैंड, यूईआर-II के नजदीक अविनाश को चोरी की स्कूटी के साथ पकड़ लिया। तलाशी में उसके पास से चोरी का सामान और चार मोबाइल फोन बरामद हुए।  
 
  
डीयू से बीए पास है आरोपित   
 
पूछताछ में पुलिस को आरोपित अविनाश ने बताया कि वह मध्यमवर्गीय परिवार से है और 2011 में दिल्ली के राजधानी कॉलेज से बीए पास किया था। गलत संगत में पड़कर वह स्मैक का आदी हो गया। 2012, 2013 और 2014 में चोरी और चोरी के सामान रखने के पांच मामलों में वह पहले भी गिरफ्तार हो चुका है।  
 
  
 
2020 में कोर्ट द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट के कारण भी उसे जेल हुई थी। जेल में उसकी मुलाकात योगेश उर्फ मोगली, रिकी और नितिन जैसे अपराधियों से हुई, जिनके साथ मिलकर उसने चोरी और सेंधमारी शुरू की।  
 
इस गिरफ्तारी से द्वारका जिले के 11 चोरी और सेंधमारी के मामले सुलझाए गए, जिनमें चावला, मोहन गार्डन, नजफगढ़, उत्तम नगर और बीएचडी नगर थानों के मामले शामिल हैं।  
 
आरोपित के कब्जे से चोरी का सामान, जिसमें एक सोने का मंगलसूत्र, एक जोड़ी सोने की बालियां, दो सोने की अंगूठियां, एक सोने की नथ, दो जोड़ी चांदी की पायल, दो जोड़ी चांदी की बिछिया, चार चोरी के मोबाइल फोन और एक चोरी की जुपिटर स्कूटी बरामद की गई है। |