नए साल को देखते हुए दिल्ली अग्निशमन विभाग (डीएफएस) ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
मोहम्मद साकिब, नई दिल्ली। गोवा में हाल ही में हुए अग्निकांड के बाद राजधानी में नए साल और त्योहारों के मौसम को सुरक्षित बनाने के लिए दिल्ली अग्निशमन विभाग (डीएफएस) ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। बढ़ती भीड़ और संभावित जोखिमों को देखते हुए फायर विभाग ने विशेष निरीक्षण अभियान चलाकर क्लब, होटल, रेस्तरां और पब की अग्नि सुरक्षा व्यवस्था की गहन जांच की है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दमकल विभाग के अधिकारियों द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, 10 दिसंबर से 19 दिसंबर के बीच राजधानी के विभिन्न इलाकों में कुल 97 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया। जांच के दौरान यह सामने आया कि 31 क्लब और रेस्तरां अग्नि सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतर रहे थे। इनमें से कई जगहों पर फायर एनओसी की शर्तों का पालन नहीं किया गया था, तो कहीं आपातकालीन निकास मार्ग बाधित पाए गए।
सभी 31 प्रतिष्ठानों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। वहीं, नौ ऐसे क्लब और रेस्तरां जहां गंभीर खामियां पाई गईं, उन्हें तत्काल बंद करने के आदेश दिए गए। अधिकारियों के अनुसार, इन प्रतिष्ठानों में अग्निशमन उपकरण या तो खराब हालत में थे या पूरी तरह नदारद थे। कुछ स्थानों पर भीड़ नियंत्रण और आपात स्थिति में निकासी की कोई प्रभावी व्यवस्था नहीं मिली, जिसे देखते हुए कड़ा रुख अपनाया गया।
दिल्ली अग्निशमन विभाग के वरिष्ठ के मुताबिक, यह अभियान दिल्ली सरकार के निर्देश पर शुरू किया गया है। उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नए साल के जश्न और त्योहारों के दौरान किसी भी तरह की अनहोनी न हो। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
फायर विभाग ने सभी क्लबों, होटलों और रेस्तरां संचालकों से अपील की है कि वे अग्नि सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन करें, ताकि लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में भी यह विशेष निरीक्षण अभियान जारी रहेगा।
अधिकारी के मुताबिक, जांच के दौरान अग्निशमन से जुड़ी सभी जरूरी व्यवस्थाओं की बारीकी से पड़ताल की जा रही है। इसमें फायर फाइटिंग उपकरणों की कार्यशीलता, इमरजेंसी एग्जिट की उपलब्धता और उनकी पहुंच, भवन उपविधियों का पालन और सुुुरक्षा मानकों की स्थिति शामिल हैं। इनमें जिन प्रतिष्ठानों को बंद करने का आदेश दिया गया उनमें फायर फाइटिंग उपकरणों की पहुंच और इमरजेंसी एग्जिट की उपलब्धता नहीं थी।
निरीक्षण में इन मानकों को जांचा जा रहा
- फायर फाइटिंग उपकरणों की बिल्डिंग तक पहुंच।
- निकास की संख्या, चौड़ाई, प्रकार और व्यवस्था।
- फायर चेक दरवाजों या प्रेशराइजेशन के जरिए निकास की सुरक्षा।
- कंपार्टमेंटेशन।
- स्मोक मैनेजमेंट सिस्टम।
- आग बुझाने के यंत्र।
- फर्स्ट-एड होज रील।
- आटोमैटिक आग का पता लगाने और अलार्म सिस्टम।
- मैन्युअल रूप से संचालित इलेक्ट्रानिक अग्नि अलार्म प्रणाली (एमओईएफए)।
- पब्लिक एड्रेस सिस्टम।
- आटोमैटिक स्प्रिंकलर सिस्टम।
- इंटरनल हाइड्रेंट और यार्ड हाइड्रेंट।
- पंपिंग व्यवस्था।
- आग बुझाने के लिए कैप्टिव पानी का स्टोरेज।
- एग्जिट साइन।
- लिफ्ट की व्यवस्था।
- स्टैंडबाय पावर सप्लाई।
- रिफ्यूजी एरिया।
- फायर कंट्रोल रूम।
- जोखिमों की सुरक्षा के लिए विशेष अग्नि सुरक्षा प्रणालियां |