Basant Panchami 2026 Date: कब है बसंत पंचमी? जानें सरस्वती पूजा का समय और विधि

cy520520 2025-12-20 21:08:00 views 430
  

Basant Panchami 2026 Date: बसंत पंचमी का महत्व।



धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। यह दिन बसंत ऋतु के शुरुआत का भी प्रतीक है। इस दिन ज्ञान, कला एवं संगीत की देवी मां सरस्वती की पूजा का विधान है। कहा जाता है कि इस दिन पूजा-पाठ करने से जीवन के अंधकार का नाश होता है। साथ ही सभी कामों में सफलता मिलती है। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि साल 2026 में बसंत पंचमी
(Basant Panchami 2026) का पर्व कब मनाया जाएगा? विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

  
बसंत पंचमी 2026 मुहूर्त (Basant Panchami 2026 Date And Time)

वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 23 जनवरी 2026 को सुबह 02 बजकर 28 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 24 जनवरी को सुबह 01 बजकर 46 मिनट पर होगा। ऐसे में 23 जनवरी 2026 को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा।

  • सरस्वती पूजा मुहूर्त – सुबह 7 बजकर 13 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक

बसंत पंचमी का महत्व (Basant Panchami 2026 Significance)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ब्रह्मा जी के मुख से इसी दिन देवी सरस्वती प्रकट हुई थीं। उनके प्रकट होते ही संसार से अज्ञानता का अंधकार दूर हुआ था। इस दिन को \“अबूझ मुहूर्त\“ भी कहा जाता है, जिसका मतलब है कि इस दिन किसी भी शुभ काम जैसे - विवाह, मुंडन या गृह प्रवेश के लिए पंचांग देखने की जरूरत नहीं होती है।
सरस्वती पूजा विधि ( Basant Panchami 2026 Puja Rituals)

  • मां सरस्वती को पीला रंग बेहद प्रिय है।
  • इस दिन पीले वस्त्र धारण करें और पूजा में पीली चीजें शामिल करें।
  • पूजा की चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
  • साथ ही भगवान गणेश की प्रतिमा भी स्थापित करें।
  • वेदी के दाईं ओर जल से भरा कलश स्थापित करें।
  • बच्चे अपनी किताबें, पेन और अन्य कार्यक्षेत्र की चीजें मां के चरणों में रखें और उनका भी पूजन करें।
  • मां सरस्वती को पीले चावल, बूंदी के लड्डू व केसरिया हलवे का भोग लगाएं।
  • पूजा के दौरान “ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः“ मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • अंत में मां सरस्वती की आरती कर प्रसाद बांटें।

खास उपाय (Basant Panchami 2026 Upay)

छोटे बच्चों की शिक्षा की शुरुआत यानी \“अक्षर अभ्यास\“ के लिए यह दिन बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन बच्चों से पहला अक्षर लिखवाना उनके भविष्य के लिए काफी फलदायी माना जाता है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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